नंदप्रयाग रेंज में बदरीनाथ हाइवे के ऊपरी इलाकों में जंगल रात भर धधकते रहे, अब तक नहीं पाया जा सका काबू

उत्तराखंड में गर्मियां शुरू होते ही जंगल की आग बेकाबू सी होने लगी है। नंदप्रयाग रेंज में बदरीनाथ हाइवे के ऊपरी इलाकों में जंगल रात भर धधकते ही रहे। कर्णप्रयाग से सटे जंगलों में बीते शुक्रवार देर शाम आग सुलगी थी जिस पर अब तक भी काबू नहीं पाया जा सका है।

 

गैरसैंण में तीन जगहों ग्वाड़ मल्ला, सिलंगा व कुनीगाड़ के जंगल आग से धधक रहे हैं। यहां वन पंचायत व वन कर्मियों की टीम आग बुझाने में भी जुटी है लेकिन लपटें तेज होने के कारण बुझाई ही नहीं जा सकी है। ऐसे में यहां भारी मात्रा में वन संपदा को भी नुकसान पहुंचा है।

 

ग्वाड़ मल्ला के वन दारोगा अवतार रावत ने कहा कि खड़ी दुर्गम चट्टानी जंगल होने के कारण आग बुझाने में भी दिक्कतें हो रही हैं। कहा बीते बृहस्पतिवार को आग बुझा दी गई थी लेकिन रात में जलते लकड़ी के खूंटों की आग हवा से फिर से सुलग उठी व बीते शुक्रवार को तेजी से फैल गई। टीम मौके पर आग बुझाने में भी जुटी है। वहीं कुनीगाड़ और सिलंगा क्षेत्र में कार्यरत वन दारोगा जलवीर बिष्ट, वन बीट अधिकारी शशि जोशी की टीम ग्रामीणों के सहयोग से आग पर नियंत्रण के प्रयास भी कर रही हैं। कुनीगाड़ के प्रधान लीलाधर जोशी ने कहा कि आग बुझाने में ग्रामीणों का सहयोग भी मिल रहा है।

 

श्रीनगर से सटे खोला के जंगल में बीते शुक्रवार को आग भड़क गई जिससे लाखों की वन संपदा भी जल गई। सूचना पर मौके पर पहुंची सिविल सोयम वन प्रभाग की टीम ने आग बुझाने की कोशिश भी की लेकिन तेज हवाओं के कारण काबू नहीं पाया जा सका। सिविल सोयम के वन क्षेत्राधिकारी आरपी कुकरेती ने कहा कि सूचना मिलते ही टीम आग बुझाने में पहुंच गई थी। आग पर नियंत्रण पाने का प्रयास भी किया जा रहा है।