उत्तराखंड विजिलेंस में रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था राजस्थान एसीबी (एंटी करप्शन ब्रांच) की तर्ज पर ही की जाएगी।

उत्तराखंड विजिलेंस में रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था राजस्थान एसीबी (एंटी करप्शन ब्रांच) की तर्ज पर ही की जाएगी। इससे ट्रैप मनी को रिवाल्विंग फंड से ही शिकायतकर्ता को भी दिया जाएगा। ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोग भ्रष्टाचारियों को पकड़वाने के लिए आगे भी आ सकें।

 

इसके अलावा जो अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत में बड़ी रकम मांगते हैं, उन्हें भी अब आसानी से पकड़वाया भी जा सकता है। इस पैसे को इस फंड से शिकायतकर्ता को वापस भी किया जाएगा। बता दें कि जब किसी सरकारी अधिकारी या किसी सरकारी कर्मचारी को रिश्वत के साथ पकड़ा जाता है, तो शिकायतकर्ता की रकम फंस जाती है। यह रकम तब तक वापस नहीं मिलती, जब तक कि मुकदमे का निस्तारण न हो जाए। ऐसे में पिछले वर्ष सरकार ने विजिलेंस के लिए रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था को भी मंजूरी दी थी। इसके लिए विजिलेंस से प्रस्ताव भी मांगा गया था। विजिलेंस कई माह से देश के विभिन्न राज्यों में रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था का अध्ययन भी कर रही थी।

 

अब विजिलेंस निदेशक की ओर से इसका प्रस्ताव बनाकर शासन को भी भेज दिया गया है। विजिलेंस ने राजस्थान एसीबी की रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था को सबसे अच्छा भी माना है। इसके तहत यदि कोई अधिकारी बड़ी रकम रिश्वत में मांगता है, तो शिकायतकर्ता को इस बात का आश्वासन भी दिया जाता है कि यह रकम उन्हें जल्द ही वापस मिल जाएगी।

 

भ्रष्ट अफसरों और कर्मियों को पकड़ने के बाद बड़े अफसरों से अनुमति लेकर रिवाल्विंग फंड से यह रकम उन्हें वापस भी दे दी जाती है। इसके बाद जब मुकदमा निस्तारित हो जाता है तो उस रकम को अदालत से रिलीज कराने के बाद विजिलेंस अपने फंड में जमा भी करेगी। इससे माना जा रहा कि अब बड़ी रिश्वत की रकम मांगने वाले अफसरों और कर्मियों को पकड़वाने के लिए भी लोग आगे आ सकेंगे।

 

आमतौर पर भ्रष्टाचार का मुकदमा निस्तारित होने में 7 साल से 8 साल का वक्त लग जाता है। ऐसे में शिकायतकर्ता की ट्रैप मनी इतने वक्त के लिए फंस भी जाती है। इसी डर से ज्यादातर शिकायतकर्ता ट्रैप कराने के लिए आगे भी नहीं आते हैं। कई बार ऐसे शिकायतकर्ता होते हैं, जिनके पास ट्रैप कराने के लिए पैसा नहीं होता है। ऐसे में विजिलेंस उन शिकायतकर्ताओं को रिवाल्विंग फंड से मदद भी कर सकेगी।

 

बीते 3 वर्षो के भीतर विजिलेंस ने 42 अफसरों और कर्मियों को रिश्वत लेते पकड़ा है। इससे पहले भी हर वर्ष लगभग 8 से 10 अफसरों और कर्मियों को रिश्वत के साथ पकड़ा जाता है। ऐसे में 50 से ज्यादा शिकायतकर्ताओं की ट्रैप मनी फिलहाल अदालत में ही जमा है। इन शिकायतकर्ताओं को यह राशि तभी मिलेगी, जब ये मुकदमे निस्तारित भी हो जाएंगे। राजस्थान की व्यवस्था का अध्ययन कर इसका प्रस्ताव को शासन को भेज दिया गया है। – धीरेंद्र कुमार गुंज्याल, एसपी विजिलेंस