उत्तराखंड में वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर-घर जाकर वोटिंग का दूसरा चरण 10 अप्रैल से शुरू, इस बार लोकसभा चुनाव के लिए 12,892 वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं ने घर से ही मतदान का आवेदन किया है।

प्रदेश में वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर-घर जाकर वोटिंग का दूसरा चरण अब 10 अप्रैल से शुरू होगा। इस बार लोकसभा चुनाव के लिए 12,892 वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं ने घर से ही मतदान का आवेदन किया है।

 

वहीं, प्रदेश की सभी 70 विधानसभाओं में आदर्श दिव्यांग पोलिंग बूथ भी बनाए जाएंगे। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में एक प्रेस ब्रीफिंग करते हुए बताया, चुनाव आयोग वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं को कई सुविधाएं देता है। उत्तराखंड में कुल 65,160 वृद्ध मतदाता हैं, जिनकी आयु 85 वर्ष से अधिक है।

 

वृद्ध मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से घर से ही वोट करने की सुविधा का निर्णय भी अब निर्वाचन आयोग ने लिया था। उत्तराखंड में अभी तक 9,993 वृद्ध मतदाताओं के आवेदन भी प्राप्त हुए हैं। इन सभी वृद्ध मतदाताओं को घर पर ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। राज्य में 80,335 दिव्यांग मतदाता को चिह्नित किए गए हैं।

 

दिव्यांग मतदाताओं के 2,899 ऐसे आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो वैध भी हैं। जिन पर घर में जाकर मतदान की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। सभी एआरओ के माध्यम से इन मतदाताओं तक पहुंचने के लिए रूट प्लान भी तैयार किया गया है। वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर पर जाकर मतदान की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 8 अप्रैल से 10 अप्रैल तक प्रथम चरण का मतदान करने का निर्णय भी लिया गया था।

 

कुछ जिलों को अपनी सुविधा के अनुरूप परिवर्तन करने के लिए छूट भी दी थी। कुछ जिलों ने वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं को 5 अप्रैल और 6 अप्रैल से घर पर जाकर मतदान करवाने का निर्णय भी लिया है। वृद्ध व दिव्यांग मतदाताओं को घर में जाकर मतदान की सुविधा को उपलब्ध कराने के लिए द्वितीय चरण 10 अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच में ही किया जाएगा।

 

इसकी सूचना अखबार व टेलीविजन के माध्यम से ही दी जाएगी। प्रत्याशियों के साथ बैठक करते हुए उन तक रूट चार्ट, मतदान की तिथियां व वृद्ध और दिव्यांग मतदाताओं की वैध सूची को तैयार करते हुए प्रत्याशियों को उपलब्ध भी करा दिया गया है।

 

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी जोगदंडे ने बताया, वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में 13,732 वृद्ध मतदाताओं व 2,162 दिव्यांग मतदाताओं ने घर पर मतदान की सुविधा का प्रयोग भी किया था। निर्वाचन आयोग ने सक्षम एप की सुविधा दिव्यांग मतदाताओं को भी दी है। उत्तराखंड में 33,111 दिव्यांग मतदाताओं ने सक्षम एप को डाउनलोड भी किया है। इस एप के माध्यम में दिव्यांग मतदाता अपनी आवश्यकताओं के बारे में सहायता भी मांग सकते हैं। सक्षम एप के माध्यम से अभी तक 1,537 मतदाताओं ने व्हील चेयर, 2,221 मतदाताओं ने डोली व 10,839 मतदाताओं ने स्वयंसेवकों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध भी किया है।

 

दिव्यांग मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में 70 विधानसभाओं में मॉडल पीडब्ल्यूडी पोलिंग बूथ बनाने का निर्णय भी लिया गया है। ये पोलिंग बूथ ऐसी जगह स्थापित किए जाएंगे, जहां एश्योर्ड मिनिमम फैसिलिटी भी उपलब्ध हो। इन बूथों में सभी कार्मिक दिव्यांग श्रेणी के ही हैं। उनके लिए जिला निर्वाचन अधिकारियों के स्तर पर पर्याप्त प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गई है। उनकी सहायता के लिए वाहन व्यवस्था व रहने के लिए उचित व्यवस्था के निर्देश भी दिए गए हैं।

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, मतदान के लिए यदि किसी व्यक्ति के पास वोटर कार्ड नहीं है तो 12 अन्य वैकल्पिक दस्तावेजों से वोट को डाल सकते हैं। इसमें आधार कार्ड, बैंकों, डाकघरों से जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, एनपीआर कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचानपत्र, मनरेगा जॉब कार्ड, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचानपत्र व भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) कार्ड भी शामिल हैं।