उत्तराखंड में मौसम बिगड़ा, बारिश और बर्फबारी से ठंड में इजाफा
उत्तराखंड में आज भी मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानों तक बारिश व बर्फबारी के चलते ठंड में और बढ़ोतरी हो गई है। गंगोत्री, यमुनोत्री व हर्षिल में भारी बर्फबारी हो रही है, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी मौसम सर्द बना हुआ है।
बारिश का असर, प्रदेशभर में ठंड बढ़ी
देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, चम्पावत जिलों के अधिकांश इलाकों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी व ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है, साथ ही कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी है। हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, 1 मार्च के बाद प्रदेशभर में मौसम में सुधार के आसार भी हैं।
12.3 डिग्री तक लुढ़का तापमान
सर्दियों में पहली बार लगातार 2 दिन की बारिश ने तापमान में भारी गिरावट ला दी है। देहरादून में बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान में 12.3 डिग्री की गिरावट भी दर्ज की गई। बुधवार को यहां का अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री था, जबकि गुरुवार को यह 16.7 डिग्री तक गिर गया। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण इस बर्फबारी व बारिश के साथ तापमान में गिरावट आई है।
बदरीनाथ और हेमकुंड में बर्फबारी, निचले क्षेत्रों में बारिश से ठंड बढ़ी
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, रुद्रनाथ, लाल माटी, नंदा घुंघटी, औली, गोरसों के अलावा नीती व माणा घाटियों में भी बर्फबारी हुई है। वहीं, निचले इलाकों में बारिश होने से ठंड में इजाफा हुआ है।
केदारनाथ में आधा फीट ताजी बर्फ
केदारनाथ धाम में तड़के से ही घने बादल छाए हुए हैं और पिछले 2 दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है। यहां लगभग आधे फीट तक ताजे बर्फ की परत जम चुकी है, जबकि पहले से जमा बर्फ की मोटाई एक फीट से भी अधिक है। माणा घाटी, नीति घाटी, औली, द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चोपता, कालीशिला जैसे पर्यटक स्थलों व ऊपरी क्षेत्रों में भी हल्की बर्फबारी हुई है।
ग्लेशियर रिचार्ज, गर्मियों में राहत की उम्मीद
फरवरी के अंत में हुई बारिश और बर्फबारी से उत्तराखंड के ग्लेशियर रिचार्ज हो गए हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे आने वाले दिनों में राहत भी मिल सकती है। इस बर्फबारी से नदियां भी रिचार्ज हुई हैं, जिससे गर्मियों में जल संकट जैसी समस्याओं से राहत मिलने की संभावना भी है।