
उत्तराखंड में जल जीवन मिशन को मिलेगा डिजिटल सहारा — अब हर गांव की पेयजल योजना होगी ऑनलाइन मॉनिटर, शिकायत भी कर सकेंगे उपभोक्ता
देहरादून। उत्तराखंड में अब ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की निगरानी व रखरखाव हाईटेक तरीके से ही किया जाएगा। जल जीवन मिशन की सभी योजनाओं को अब ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना (RPWSS) आईडी मॉड्यूल से भी जोड़ा जाएगा। इसकी मदद से हर पेयजल योजना की डिजिटल मैपिंग भी होगी और उसे एक यूनिक डिजिटल पहचान भी मिलेगी।
दिल्ली में हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की बैठक में इस मॉड्यूल की जानकारी दी गई और बताया गया कि यह डिजिटल सिस्टम वास्तविक समय में हर योजना की स्थिति दिखाएगा, जिससे पूर्वानुमानित रखरखाव, पारदर्शी मॉनिटरिंग व तेज शिकायत निवारण भी संभव होगा।
सबसे खास बात यह है कि ग्रामीण उपभोक्ता भी नागरिक संवाद पोर्टल के माध्यम से अपनी पानी की गुणवत्ता, पाइपलाइन खराबी या जलापूर्ति से जुड़ी किसी भी शिकायत को सीधे ही दर्ज कर सकेंगे।
उत्तराखंड के करीब 16,000 गांवों में जल जीवन मिशन के तहत पाइप जलापूर्ति योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। अधिकांश योजनाएं तैयार हो चुकी हैं, जबकि कुछ अंतिम चरण में हैं। RPWSS मॉड्यूल के लागू होने के बाद हर गांव की योजना ऑनलाइन ट्रैक भी की जा सकेगी।
भविष्य में केंद्र सरकार भी इन्हीं डिजिटल डाटा के आधार पर बजट भी जारी करेगी, जिससे यह स्पष्ट रहेगा कि किस प्रोजेक्ट को कितनी राशि की जरूरत है।
“जैसे ही पूरी जानकारी मिलेगी, प्रशिक्षण शुरू कर देंगे” — विशाल मिश्रा, एमडी जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन के एमडी विशाल मिश्रा ने बताया केंद्रीय मंत्रालय से इस मॉड्यूल के संबंध में प्रारंभिक जानकारी भी मिल चुकी है। विस्तृत गाइडलाइन मिलते ही प्रशिक्षण व आईडी निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। इससे राज्य सरकार भी रखरखाव व निगरानी को और बेहतर तरीके से कर सकेगी।