उत्तराखंड: 38वें राष्ट्रीय खेलों की उधारी को लेकर खेल विभाग में हलचल

उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों की उधारी को लेकर खेल विभाग के अधिकारियों के माथे पर पसीना आ गया है। अधिकारियों के मुताबिक, राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए कुल 268 करोड़ रुपये की उधारी बन गई है, जिसे चुकाने के लिए अब कदम भी उठाए जा रहे हैं। विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा ने इस उधारी को लेकर शिक्षा, उच्च शिक्षा, युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा व संस्कृति विभागों के सचिवों को पत्र लिखकर इस वित्तीय वर्ष में अप्रयुक्त धनराशि की जानकारी भी मांगी है।

अमित सिन्हा ने पत्र में बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के समाप्ति के करीब होने के कारण शासन के व्यय में मितव्ययिता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मितव्ययिता सुनिश्चित करना केवल वित्त विभाग का ही नहीं, बल्कि सभी प्रशासनिक विभागों का दायित्व भी है।

विशेष प्रमुख सचिव खेल ने विभागों से अनुरोध किया है कि वे वेतन सहित विभिन्न मदों में अब तक बचत की गई धनराशि की जानकारी प्रदान करें, ताकि उसे राष्ट्रीय खेलों की देनदारियों के लिए पुनर्विनियोग के माध्यम से उपयोग भी किया जा सके।

राष्ट्रीय खेलों में अब तक पूंजीगत मद में 517 करोड़ रुपये और राजस्व मद में 225 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जबकि अभी भी पूंजीगत मद में 60 करोड़ और राजस्व मद में 208 करोड़ रुपये की देनदारी भी बाकी है।

खेल विभाग के सहायक निदेशक संजीव पौरी ने बताया कि बजट के मुकाबले अधिक खर्च हो चुका है और मामला शासन के संज्ञान में है। इसी संदर्भ में, विशेष प्रमुख सचिव खेल ने सभी विभागों से अनुरोध किया है कि वे वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर बचत की धनराशि उपलब्ध कराएं, ताकि उसे राष्ट्रीय खेलों के लिए इस्तेमाल भी किया जा सके।

वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने भी इस मुद्दे पर कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए निर्धारित बजट से अधिक खर्च हुआ है और विभागों से बचत की धनराशि उपलब्ध कराए जाने का आग्रह भी किया गया है।

अब देखना होगा कि विभागों से कितनी बचत मिल पाती है और किस प्रकार से राष्ट्रीय खेलों की उधारी भी चुकाई जाती है।

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