केदारनाथ हाईवे की बदहाली बनी जानलेवा, यात्रा सीजन के आखिरी दिनों में भी नहीं सुधरी हालात
रुद्रप्रयाग | भले ही इस साल का मानसून सीजन समाप्त हो गया हो, लेकिन केदारनाथ हाईवे की हालत अब भी बेहद खराब बनी हुई है। सोनप्रयाग-गौरीकुंड मोटरमार्ग के साथ-साथ रामपुर और डोलिया देवी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रियों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है।
बोल्डर गिरने से बनी रहती है मौत की आशंका
सोनप्रयाग और मुनकटिया के पास लगातार पहाड़ियों से बोल्डर गिरने का खतरा बना हुआ है। यात्रा सीजन के दौरान इन स्थानों पर कई बार भारी बोल्डर गिरने के कारण यात्राओं को स्थगित तक करना पड़ा। मुनकटिया में तो कई वाहन बोल्डरों की चपेट में भी आ चुके हैं।
रामपुर में हर साल धंस रहा हाईवे
केदारनाथ यात्रा मार्ग में सबसे गंभीर स्थिति फाटा के पास रामपुर क्षेत्र की है, जहां हाईवे हर साल नीचे धंसता जा रहा है। लाखों रुपये खर्च कर मानसून के बाद ट्रीटमेंट करने के बावजूद सड़क की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। यहां भारी वाहन तक फंस रहे हैं, जिन्हें धक्का मारकर या जेसीबी से निकाला जा रहा है।
डोलिया देवी के पास हाईवे में उखड़ चुका डामर
डोलिया देवी क्षेत्र में हाल ही में सड़क का डामरीकरण हुआ था, लेकिन मानसून के दौरान गिरते बोल्डरों ने यहां की सड़क को पूरी तरह तबाह कर दिया है। अब यहां बड़े-बड़े गड्ढों के बीच वाहन हिचकोले खाते नजर आते हैं, जिससे यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी हो रही है।
केदारनाथ होटल एसोसिएशन ने उठाई आवाज
होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यात्रा के सिर्फ 25 दिन शेष हैं, लेकिन हाईवे की स्थिति अब भी बेहद खतरनाक बनी हुई है। उन्होंने मांग की कि अगले यात्रा सीजन से पहले हाईवे की संपूर्ण मरम्मत की जाए, ताकि आने वाले समय में यात्रियों को कोई परेशानी न हो।
अब तक 15.85 लाख श्रद्धालुओं ने किए बाबा केदार के दर्शन
वहीं, इस बार केदारनाथ यात्रा में अब तक 15 लाख 85 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। औसतन प्रतिदिन 4000 यात्री धाम पहुंच रहे हैं। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस बार यात्रियों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। पिछले वर्ष यह संख्या 19 लाख के करीब रही थी।
23 अक्टूबर को भैया दूज पर बंद होंगे कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को भैया दूज के पावन अवसर पर बंद कर दिए जाएंगे। यानी यात्रा के अब सिर्फ 25 दिन शेष हैं। प्रशासन और स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इन बचे हुए दिनों में यात्रियों की संख्या में थोड़ी और बढ़ोत्तरी हो सकती है। हालांकि, जिस रफ्तार से यात्री पहुंच रहे हैं, 17 लाख का आंकड़ा छूना मुश्किल नजर आ रहा है।
हेली सेवाओं में भी दिखा सुस्ती का असर
यात्रा के अंतिम चरण में हेली सेवाओं को भी सवारी न मिलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि हेली किराए में बढ़ोत्तरी इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है। साथ ही, घोड़े-खच्चर और मजदूरों ने भी धीरे-धीरे वापसी शुरू कर दी है।
अगले सीजन से पहले चाहिए स्थायी समाधान
केदारनाथ यात्रा देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। लेकिन हाईवे की लगातार बिगड़ती हालत और प्रशासन की अस्थायी मरम्मत यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। अगले यात्रा सीजन से पहले स्थायी समाधान और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार अत्यंत आवश्यक है, ताकि यह पवित्र यात्रा श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित और सुखद बन सके।