एसटीएफ का ‘ऑपरेशन प्रहार’ शुरू, देशभर में छिपे 337 साइबर अपराधियों पर गिरेगी गाज

देहरादून: उत्तराखंड में दर्ज 200 से अधिक साइबर अपराध मामलों में नामजद 337 आरोपियों के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने ‘ऑपरेशन प्रहार’ नाम से एक बड़े स्तर का अभियान शुरू किया है। यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।

एसटीएफ की इस कार्रवाई के तहत 30 अधिकारियों और कर्मचारियों की एक विशेष टीम गठित की गई है, जो देशभर के विभिन्न राज्यों में छिपे इन अपराधियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने या नोटिस जारी करने की प्रक्रिया को अंजाम दे रही है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यह सघन अभियान चलाया जा रहा है। देशभर में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं के बीच उत्तराखंड सरकार ने ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।

इस अभियान का नेतृत्व एसपी एसटीएफ स्वप्न किशोर सिंह और डीएसपी साइबर अंकुश कर रहे हैं। टीम का पहला फोकस उन अपराधियों पर है, जो उत्तराखंड में दर्ज मामलों में नामजद हैं और फिलहाल अन्य राज्यों में छिपे हुए हैं।

दो चरणों में चलेगा ऑपरेशन

‘ऑपरेशन प्रहार’ को दो चरणों में अंजाम दिया जा रहा है:

  • पहले चरण में 17 राज्यों के 272 संदिग्धों का सत्यापन किया जाएगा।
  • दूसरे चरण में 12 राज्यों के 65 अन्य आरोपियों की जांच की जाएगी।

इन अपराधियों के खिलाफ या तो गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी या फिर जांच में सहयोग के लिए नोटिस भेजे जाएंगे।

कई राज्यों में सक्रिय हैं उत्तराखंड के आरोपी

एसटीएफ ने बताया कि जिन राज्यों में ये साइबर अपराधी सक्रिय हैं, उनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • दिल्ली (40), महाराष्ट्र (38), उत्तर प्रदेश (28), राजस्थान (28), तमिलनाडु (25)
  • पश्चिम बंगाल (18), कर्नाटक (17), गुजरात (16), नागालैंड (15), मध्य प्रदेश (14)
  • तेलंगाना (11), केरल (10), आंध्र प्रदेश (10), बिहार (9), हरियाणा (8)
  • पंजाब (7), असम (6), मणिपुर (6), मिजोरम (5), झारखंड (5), गोवा (5)
  • ओडिशा (4), छत्तीसगढ़ (3), दिल्ली-एनसीआर (3), त्रिपुरा (2), दादरा नगर हवेली (1)
  • मेघालय (1), हिमाचल प्रदेश (1), और उत्तराखंड (1)

साइबर अपराध के खिलाफ सख्त रुख

एसटीएफ का यह ऑपरेशन न केवल अपराधियों की धरपकड़ तक सीमित है, बल्कि इसका उद्देश्य साइबर क्राइम के नेटवर्क को जड़ से खत्म करना है। एसटीएफ का कहना है कि आने वाले समय में इस तरह की कार्रवाई और अधिक तेज की जाएगी।