एसएसपी का खुलासा: प्रेम संबंधों के विवाद में हुई अंकित की हत्या, 16 वर्षीय किशोर भी था शामिल
रुद्रपुर सिडकुल के फैक्टरी सुपरवाइजर की हत्या प्रेम संबंध के बीच में आने की वजह से ही हुई थी। पुलिस ने हत्या में नाबालिग के साथ ही मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। नाबालिग को कोर्ट में पेश कर बाल संप्रेक्षण गृह भी भेजा गया है, वहीं मुख्य आरोपी से पूछताछ अभी जारी है। बीते शुक्रवार शाम एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि बरेली के थाना शाही स्थित ग्राम काशीपुर बफरी निवासी नरेश पुरी ने थाने में अज्ञात के खिलाफ उनके बेटे अंकित की हत्या का केस भी दर्ज कराया था। उनका कहना था कि बेटा अंकित सिडकुल की एक फैक्टरी में सुपरवाइजर था व फुलसुंगा में किराये पर ही रहता था।
13 जनवरी की शाम को अंकित फैक्टरी जाने के लिए बाइक से निकला था। रास्ते में युवक ने अंकित से लिफ्ट ली व वन शक्ति मंदिर के पास बाइक रुकवाकर बेटे की धारदार हथियार से हत्या भी कर दी। मामले की छानबीन के साथ घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालकर घटना वाले दिन अंकित के साथ दिखे लड़के को चिह्नित भी कर लिया गया।
गुरुवार को बाल अवचारी किशोर को संरक्षण में लिया था। इस हत्या में मुख्य अभियुक्त के रूप में पवन कुमार निवासी ग्राम सकरस पोस्ट-जसाई नागर थाना बहेड़ी जिला बरेली व हाल निवासी श्मशान भूमि वाली रोड वार्ड नंबर 7 ट्रांजिट कैंप का नाम प्रकाश में आया था। वही बीते शुक्रवार की शाम पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीम ने बहेड़ी के ग्राम जाफरपुर से पवन को गिरफ्तार भी कर लिया।
एसएसपी ने बताया कि पवन सिडकुल की एक फैक्टरी में काम भी करता था। उसका अपनी महिला मित्र को लेकर अंकित से विवाद भी चल रहा था। पवन ने 16 वर्ष के बाल अवचारी को साथ मिलकर अंकित को रास्ते से हटाने की साजिश भी रची। 13 जनवरी को साजिश के तहत बाल अवचारी अंकित की बाइक पर भी बैठा था। वनशक्ति मंदिर से हनुमान ढाल को जाने वाले रास्ते में सुनसान जगह पाकर किशोर ने बाइक को भी रुकवाया था। इस दौरान पीछे से बाइक पर पहुंचे पवन ने उसकी मदद से चाकू से वार कर अंकित की हत्या ही कर दी। घटना के बाद दोनों परिवार के साथ गायब भी चल रहे थे। पवन से पूछताछ कर हत्या में प्रयुक्त चाकू को बरामद करने की कोशिश भी की जा रही है।
3 जनवरी को ही मारने का था प्लान
पवन महिला मित्र को लेकर अंकित से खुन्नश भी खाए था। 3 जनवरी को अंकित के फैक्टरी जाने वाले रास्ते की रेकी की थी। उस दिन बाइक पर अंकित के साथ एक व्यक्ति बैठा था। इस पर पवन घटना को अंजाम ही नहीं दे पाया था। इसके बाद उसने फिर से साजिश रची व 13 जनवरी को सहयोगी के साथ मिलकर अंकित की हत्या ही कर दी।