अक्तूबर और इसके बाद ठंड के महीनों में राज्य में भारी बिजली संकट की आशंका तेज हो गई है।

इसके चलते राज्य सरकार सर्दियों के मौसम में पर्याप्त बिजली उपलब्धता की कवायद में जुट गई है।

राज्य में केंद्र से मिला हुआ बिजली का गैर आवंटित कोटा अब खात्मे की ओर है। इसके साथ ही अक्तूबर और इसके बाद ठंड के महीनों में राज्य में भारी बिजली संकट की आशंका तेज हो गई है। उधर, राज्य सरकार इस संकट को खत्म करने में जुट गई है। राज्य में केंद्र से मिला हुई बिजली का गैर आवंटित कोटा अब खात्मे की ओर है। इसके साथ ही अक्तूबर और इसके बाद ठंड के महीनों में राज्य में भारी बिजली संकट की आशंका तेज हो गई है। उधर, राज्य सरकार इस संकट को खत्म करने के लिए जुट गई है। अक्तूबर से राज्य में 300 से 400 मेगावाट बिजली की किल्लत होने की आशंका है। इसके चलते राज्य सरकार सर्दियों के मौसम में पर्याप्त बिजली उपलब्धता की कवायद में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली जा रहे हैं। वह शनिवार या रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात कर गैर आवंटित कोटा बढ़ाने और बनाए रखने की मांग करेंगे। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया, सीएम धामी के निर्देशों पर सर्दियों के सीजन में बिजली उपलब्धता के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। यूपीसीएल के निदेशक परियोजना अजय कुमार अग्रवाल ने बताया, टीएचडीसी के साथ पंप स्टोरेज से 25 साल का पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) किया गया था, जिसके तहत जनवरी से बिजली मिलने की संभावना है। इसके तहत दिन के समय यूपीसीएल इस परियोजना के संचालन को बिजली देगा, जिसके लिए एसजेवीएन से 2.67 रुपये के दाम पर सौर ऊर्जा ली गई है। बदले में करीब 4.50 रुपये यूनिट के खर्च पर टीएचडीसी से रोजाना करीब 200 मेगावाट बिजली मिलेगी। यूपीसीएल ने भी अक्तूबर से मार्च में केंद्र से बिजली के लिए केंद्रीय विद्युत नियामक प्राधिकरण को पत्र भेजा है। एमपी के गोरखपुर के बरेला गांव में स्थित एनटीपीसी के झबुआ पावर प्लांट से भी 200 से 300 मेगावाट बिजली खरीद के लिए पीपीए पर काम किया जा रहा है। यहां से 25 साल तक 4 से 4.80 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली मिलेगी। वहीं, सिक्किम ऊर्जा की जल विद्युत परियोजनाओं से भी 150 से 200 मेगावाट बिजली खरीद पर काम शुरू कर दिया गया है। यूपीसीएल ने एनटीपीसी की 25 साल का पीपीए पूरी कर चुकी परियोजनाओं के 17 हजार मेगावाट में से भी कुछ बिजली की मांग रखी है।