प्रधानमंत्री मोदी ने खेल और यूसीसी की तुलना करते हुए कहा, “दोनों भेदभाव को समाप्त करते हैं”, उत्तराखंड को दी बधाई

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि खेल और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) दोनों भेदभाव को समाप्त करते हैं। खेलों में टीम भावना व समान प्रयास की भावना होती है, और यही प्रेरणा यूसीसी से भी मिलती है। उन्होंने उत्तराखंड को बधाई दी, क्योंकि यह देश का पहला राज्य बन गया है जहां समान नागरिक संहिता लागू की गई है।

प्रधानमंत्री ने मंगलवार शाम रायपुर में 38वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया। इस मौके पर अपने संबोधन में मोदी ने खेलों में निहित भेदभाव रहित व टीम भावना की तुलना यूसीसी से की। उन्होंने कहा कि बाबा केदार के दर्शन के बाद उनके मुंह से यह शब्द निकला था कि “यह उत्तराखंड का दशक है” और उन्हें खुशी है कि राज्य तेजी से प्रगति भी कर रहा है।

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता से बेटियों, माताओं व बहनों को समान अधिकार मिलेंगे, जो उनके गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगा। इससे लोकतंत्र और संविधान की भावना भी मजबूत होगी। मोदी ने यह भी कहा कि स्पोर्ट्समैनशिप हमें भेदभाव से दूर करती है और यह भावना यूसीसी में भी निहित है। वह प्रदेश की भाजपा सरकार को इस ऐतिहासिक कदम के लिए बधाई भी देते हैं।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत 2036 ओलिंपिक की मेज़बानी के लिए जोर लगा रहा है। ओलिंपिक आयोजन से न केवल खेलों का स्तर बढ़ेगा, बल्कि इससे कई क्षेत्रों को गति मिलेगी। मोदी ने यह भी बताया कि खेलों के क्षेत्र में भारत की आर्थिकी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि खेलों से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और आर्थिक विकास में योगदान होता है।

उन्होंने मेरठ में खेल सामग्री उत्पादक क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इस उद्योग से तीन लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि खेलों के बजट में तीन गुना वृद्धि हुई है और इस निवेश का असर पदक तालिका में नजर आ रहा है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि कुछ दिन पहले ओलंपिक टीम के सदस्यों ने उन्हें “प्राइम मिनिस्टर” की बजाय “परम मित्र” कहकर संबोधित किया। यह उनके लिए एक सम्मान की बात थी। मोदी ने यह भी कहा कि देश में खेल सुविधाओं का विकास हो रहा है, और मणिपुर में देश की पहली खेल यूनिवर्सिटी खोली गई है।

उत्तराखंड में शीतकालीन आध्यात्मिक यात्राओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी उन्होंने जोर दिया। मोदी ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था अब सिर्फ चारधाम यात्रा पर निर्भर नहीं रह सकती, इसलिए शीतकालीन यात्राओं को बढ़ावा देना आवश्यक है।

अंत में, प्रधानमंत्री ने दर्शकों से मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाने का आग्रह किया, और पूरा स्टेडियम उनकी अपील का पालन करते हुए फ्लैश लाइट्स से जगमगाने भी लगा। ओलिंपियन लक्ष्य सेन ने प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय खेलों की मशाल ‘तेजस्विनी’ सौंपी। इस अवसर पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री व कई प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं।