विदेशों में नौकरी के लिए गैर सैन्य पृष्ठभूमि वालों को भी मिलेगा मौका, उपनल के जरिए होगी भर्ती

पूर्व सैनिकों को 50% आरक्षण, तकनीकी दक्षता को ध्यान में रखते हुए सरकार का बड़ा निर्णय

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए बनाए गए उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से अब गैर सैन्य पृष्ठभूमि के युवाओं को भी विदेशों में नौकरी देने का रास्ता भी खोल दिया है। यह फैसला केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही लिया गया है।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने जानकारी दी कि

विदेशों में तकनीकी दक्ष कर्मचारियों की भारी मांग है, जबकि पूर्व सैनिकों की संख्या तकनीकी योग्यताओं के लिहाज से पर्याप्त ही नहीं है। ऐसे में अब विदेशों में उपनल के माध्यम से 50 प्रतिशत पद पूर्व सैनिकों को और 50 प्रतिशत पद गैर सैनिक पृष्ठभूमि के लोगों को भी दिए जाएंगे।

राज्य में अब भी गैर सैनिकों की भर्ती पर रोक

उल्लेखनीय है कि उपनल की स्थापना साल 2004 में पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को विभिन्न सरकारी विभागों में रोजगार देने के उद्देश्य से ही की गई थी। लेकिन समय-समय पर इसमें गैर सैनिकों की नियुक्ति को लेकर विवाद उठते ही रहे हैं। 31 मार्च 2022 से राज्य के भीतर उपनल के माध्यम से गैर सैनिकों की भर्ती पर रोक भी लगा दी गई थी, जो अब भी जारी है।

उपनल निदेशक ब्रिगेडियर (सेनि) जे.एन.एस. बिष्ट ने बताया कि

केवल विदेशी नियुक्तियों के लिए ही इस रोक को हटाया गया है। राज्य  व देश के अन्य हिस्सों में उपनल के माध्यम से गैर सैनिकों की नियुक्ति अब भी प्रतिबंधित रहेगी।

पुरकुल में खुलेगा उपनल का निदेशालय

सरकार ने उपनल को स्थायी ठिकाना देने की दिशा में भी अब कदम उठाया है। देहरादून के पुरकुल क्षेत्र में उपनल का निदेशालय भवन स्थापित भी किया जाएगा। इसके लिए सैनिक कल्याण विभाग ने 5 बीघा भूमि लीज पर दी है, और शासन के साथ एमओयू भी हो चुका है। निदेशालय बनने के बाद विदेशों में रोजगार की प्रक्रिया को और संगठित तरीके से संचालित भी किया जाएगा।

अब तक की प्रमुख घटनाएं:

  • 2013: तत्कालीन मुख्य सचिव ने उपनल से गैर सैनिकों की भर्ती की अनुमति भी दी, बाद में विरोध के चलते आदेश ही निरस्त।
  • 2020: कोविड काल में फिर से गैर सैनिकों की भर्ती शुरू हुई।
  • 2022: राज्य में गैर सैनिकों की भर्ती पर दोबारा पूर्ण रोक भी लगी।

क्या बोले मंत्री?

“विदेशों में नौकरी के लिए इस समय एक हजार लोगों की मांग है, जो आने वाले समय में और भी बढ़ सकती है। उपनल निदेशालय भवन बनने के बाद इस दिशा में नियुक्ति प्रक्रिया और भी तेज होगी।”
– गणेश जोशी, सैनिक कल्याण मंत्री