अब बाहरी संस्था करेगी कैंपा के कामों की निगरानी, कैग रिपोर्ट के बाद विभाग में हलचल

राज्य में कैंपा कार्यों में बाहरी संस्था की मदद लेने की तैयारी

राज्य में प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैंपा) के कार्यों के सहयोग व निगरानी के लिए अब बाहरी संस्था की मदद भी ली जाएगी। शासन से अनुमति मिलने के बाद इस प्रक्रिया को शीघ्र ही शुरू भी किया जाएगा। राज्य में कैंपा के तहत करीब 300 करोड़ रुपये के कार्य होते हैं, और इन कार्यों के लिए बाहरी सहायता का निर्णय भी लिया गया है।

हाल ही में बजट सत्र में कैंपा के कार्यों पर कैग की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें कई अनियमितताएँ उजागर हुईं। रिपोर्ट में कैंपा के कार्यों में मनमानी की बातें की गईं, साथ ही पौधरोपण के लिए खड़ी ढलान जैसी जगहों का चयन करने, पौधरोपण के लिए 10 वर्ष की राशि लेने और 5 वर्ष तक देखभाल करने जैसी प्रक्रियाओं में गड़बड़ी का उल्लेख था। इसके अतिरिक्त, आरोप लगे थे कि कैंपा की राशि से आईफोन, लैपटॉप व फ्रिज जैसी महंगी वस्तुएं खरीदी गई थीं।

इस रिपोर्ट के बाद विभाग में हलचल मच गई थी, और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच भी गया था। अब विभाग ने निर्णय लिया है कि कैंपा के कार्यों को अधिक प्रभावी और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा, साथ ही निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए बाहरी संस्था की मदद भी ली जाएगी।