
2026 में नंदा राजजात यात्रा लोक उत्सव के रूप में होगी आयोजित: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि वर्ष 2026 में होने वाली नंदा राजजात यात्रा को एक भव्य लोक उत्सव के रूप में आयोजित किया जाएगा। लगभग 280 किलोमीटर लंबी यह ऐतिहासिक यात्रा 20 दिनों तक चलेगी और उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत की एक भव्य झलक पेश करेगी।
शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि आयोजन में स्थानीय लोगों की अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित की जाए और राज्य सरकार सहयोगी की भूमिका निभाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर है और इसके प्रचार-प्रसार के लिए देश और विदेश तक प्रयास किए जाएं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार, सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा राजजात यात्रा को भारतीय दूतावासों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाए ताकि विदेशों में बसे भारतीय भी इस यात्रा से जुड़ सकें। उन्होंने संस्कृति विभाग को निर्देश दिए कि यात्रा के दौरान उत्तराखंड की वेशभूषा, वाद्य यंत्र, और लोक परंपराओं को प्रमुखता दी जाए।
इसके अलावा, यात्रा से जुड़े ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण के लिए गढ़वाल और कुमाऊं विश्वविद्यालयों की मदद लेने को कहा गया है।
2026 में भाद्रपक्ष की नंदाष्टमी से शुरू होगी यात्रा
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जानकारी दी कि यात्रा वर्ष 2026 में भाद्र पक्ष की नंदाष्टमी से शुरू होगी। यह यात्रा देवी नंदा की मायके से ससुराल तक की है, जो चमोली जनपद के नौटी गांव के पास कासुवा से शुरू होकर होमकुंड तक जाती है।
प्रबंधन और सुविधाओं पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यात्रा मार्ग उच्च हिमालयी और संवेदनशील क्षेत्र में होने के कारण भीड़ नियंत्रण, आपदा प्रबंधन और पर्यावरण सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों को एक एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें निम्न बिंदुओं को शामिल किया जाएगा:
- रात में सीमित आवाजाही, भीड़ नियंत्रण व्यवस्था
- सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्त प्रतिबंध
- वैकल्पिक मार्गों का चिन्हांकन और सुधार
- गांवों में पार्किंग, पेयजल, शौचालय और इको टेंट कॉलोनी की व्यवस्था
- विद्युत आपूर्ति और संचार नेटवर्क की मजबूती
स्थायी और अस्थायी ढांचे पर कार्य शीघ्र शुरू
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में आवश्यक स्थायी और अस्थायी निर्माण कार्यों की स्वीकृति एक माह के भीतर पूरी कर ली जाए और कार्य प्रारंभ हो। साथ ही, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों की पहचान कर आपदा प्रबंधन के तहत जेसीबी, पोकलैंड मशीनें और प्रशिक्षित ऑपरेटरों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
हितधारकों की राय भी होगी शामिल
मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से कहा कि यात्रा से जुड़े हितधारकों, जैसे स्थानीय निवासियों, व्यापारी संगठनों, और सामाजिक संस्थाओं से सुझाव लेकर कार्य योजना में शामिल किया जाए, ताकि आयोजन अधिक समावेशी और सफल हो।