अब जुलाई-अगस्त में भी लीची जैसा स्वाद, लोंगान की खेती से किसान कमाएंगे भारी मुनाफा – जानिए इसके फायदे
रुद्रपुर: उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों के किसान अब लोंगान (ड्रैगन आई) की खेती कर अच्छी आमदनी भी कमा सकते हैं। सैपिनदासी प्रजाति का यह पौधा आकार और स्वाद में लीची जैसा है और लीची के सीजन के बाद इसकी कटाई भी होती है। इसे पहली बार अखिल भारतीय किसान मेले में प्रदर्शनी और बिक्री के लिए भी रखा गया। खास बात यह है कि इसे 48 डिग्री तापमान तक उगाया भी जा सकता है और गमले में लगाने के बाद दो साल में वाणिज्यिक फल भी प्राप्त किया जा सकता है।
पंत कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित मेले में पश्चिम बंगाल की नर्सरी ने इसे अपने स्टॉल पर प्रदर्शित भी किया। स्टॉल स्वामी आयन मंडल ने बताया कि सैपिनदासी कुल की यह लोंगान थाईलैंड प्रजाति है और ग्राफ्टिंग तकनीक से पौधे भी तैयार किए जा रहे हैं। सैपिनदासी कुल में लीची व रामभूटान भी आते हैं, इसलिए लीची को लोंगान की बहन और रामभूटान को भाई भी कहा जाता है। लोंगान के अंदर गोल गुठली होती है, जो कटने पर ड्रैगन आई जैसी भी दिखती है।
लोंगान के फायदे और उत्पादन:
- स्वाद में बेहद मीठा और सुगंधित, खट्टापन बिल्कुल नहीं।
- स्वीटनेस 18-25 प्रतिशत, फल का वजन लगभग 35 ग्राम।
- दो साल में पौधे से 15-20 किलो फल, चार साल में 40-50 किलो तक उत्पादन।
- बाजार में यह आसानी से 250-300 रुपये प्रति किलो बिकता है।
पोषक तत्वों से भरपूर:
लोंगान छोटे आकार का होने के बावजूद विटामिन बी और सी, थायमिन (बी1), पोटेशियम, तांबा, जस्ता, मैग्नीशियम, फास्फोरस व लोहा जैसे खनिजों से भरपूर है। नियमित सेवन से स्वास्थ्य मजबूत भी रहता है।