कुमाऊं में कैंसर का बढ़ता खतरा: मोटापा और फास्ट फूड हैं मुख्य कारण

नैनीताल : कुमाऊं क्षेत्र में कैंसर के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, विशेष रूप से 60 से 70 वर्ष के लोगों में। विशेषज्ञों के अनुसार, गलत खानपान, मोटापा और फास्ट फूड के सेवन से इस घातक बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं। कुमाऊं में सबसे ज्यादा मुंह और फेफड़ों का कैंसर पाया जा रहा है, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की संख्या अधिक है। इसके अलावा, कुछ कैंसर वायरस जनित होते हैं, जैसे हेपेटाइटिस बी और सर्वाइकल कैंसर।

दिल्ली स्थित एम्स से प्रशिक्षण प्राप्त और उजाला सिग्नस सेंट्रल अस्पताल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. शलभ अरोड़ा के मुताबिक, कुमाऊं में कैंसर के मामलों में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 65:30 है। पुरुषों में मुंह और फेफड़ों का कैंसर सर्वाधिक पाया जाता है, जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट और फेफड़े का कैंसर ज्यादा देखने को मिल रहा है। डॉ. अरोड़ा के अनुसार, हर दिन 30 से 40 कैंसर मरीजों की ओपीडी होती है, जिनमें से कई महिलाएं बच्चेदानी और पित्त की थैली के कैंसर से भी प्रभावित हैं, जबकि पुरुषों में बड़ी आंत और किडनी का कैंसर प्रमुख है।

डॉ. अरोड़ा ने यह भी बताया कि रेड मीट, स्मोक और फास्ट फूड जैसे खानपान के कारण कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, तंबाकू, एल्कोहल और मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन भी मुंह, पेट, लीवर और आहार नली के कैंसर का कारण बन सकता है। कैंसर के कारणों में बुरी आदतों से बचना बेहद जरूरी है, ताकि इस खतरनाक बीमारी से बचाव किया जा सके।

कैंसर के प्रारंभिक लक्षण:

  • तेजी से वजन का गिरना
  • मुंह के छाले ठीक न होना
  • शरीर में किसी भी प्रकार की गांठ का होना
  • मुंह, पेशाब या नाक से खून आना

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इन लक्षणों में से कोई भी महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करनी चाहिए, ताकि कैंसर के इलाज में कोई देरी न हो और समय रहते उपचार शुरू किया जा सके।