उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन में करोड़ों की अनियमितताओं पर हाईकोर्ट सख्त, स्टेडियम 24 घंटे में खोलने के निर्देश

नैनीताल । उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (सीएयू) में करोड़ों रुपये की अनियमितताओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सख्त रुख भी अपनाया। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए खेल सचिव को निर्देश दिए कि हल्द्वानी के गौलापार और देहरादून के स्पोर्ट्स स्टेडियम को 24 घंटे के भीतर सुबह 6 बजे से शाम 8 बजे तक खिलाड़ियों के लिए खोल दिया जाए, ताकि युवा खिलाड़ियों को निजी स्टेडियमों में जाने की मजबूरी से राहत भी मिल सके।

स्टेडियमों की दुर्दशा और खिलाड़ियों की उपेक्षा पर कोर्ट की नाराज़गी

सुनवाई के दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष सचिव (खेल) अमित सिन्हा पेश भी हुए। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि शनिवार तक दोनों स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए खोल दिए जाएंगे। अदालत ने राज्य सरकार को यह सुझाव देने का निर्देश भी दिया कि केवल मैदानी ही नहीं, बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में भी बच्चों के शारीरिक विकास के लिए खेल मैदान और स्टेडियम बनाए जाएं

12 करोड़ के दुरुपयोग का आरोप, सिर्फ केले पर 35 लाख का बिल

याचिका में आरोप लगाया गया है कि क्रिकेट प्रतियोगिताएं आयोजित करने के नाम पर उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने लगभग ₹12 करोड़ के सरकारी धन का दुरुपयोग भी किया। आरोप है कि खिलाड़ियों को पौष्टिक भोजन के बजाय केले ही अधिकतर भी दिए गए, जिनका बिल ₹35 लाख दर्शाया गया। इसके अतिरिक्त, खिलाड़ियों के भोजन व सुविधाओं के नाम पर करोड़ों रुपये के फर्जी खर्च दर्शाए गए।

कोर्ट ने उठाई जवाबदेही की मांग

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि स्टेडियमों की देखभाल का खर्च संबंधित संस्था (जैसे कि सीएयू) से वसूला जाए

खेल सचिव को सौंपी गई अतिरिक्त जिम्मेदारी

अदालत ने सीएयू को निर्देश दिया कि वे भविष्य में जिन खेलों का आयोजन करना चाहते हैं, उनकी सूची खेल सचिव को सौंपें ताकि प्रशासनिक स्तर पर योजना भी बनाई जा सके।

अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में

इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के प्रथम सप्ताह में निर्धारित की गई है, जिसमें अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा भी की जाएगी।