हरिद्वार: 17 दिन बाद हरकी पैड़ी पर लौटी गंगा, श्रद्धालुओं ने सुबह-सुबह लगाई आस्था की डुबकी

हरिद्वार: 17 दिन के इंतज़ार के बाद आखिरकार हरकी पैड़ी पर गंगाजल की अविरल धारा फिर से बहने भी लगी। आज मंगलवार सुबह से ही गंगा में जल आने के बाद घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई व धार्मिक नगरी हरिद्वार एक बार फिर “हर हर गंगे” के जयघोष से गूंज भी उठी।

दरअसल, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा हर वर्ष की तरह इस बार भी ऊपरी गंगनहर की वार्षिक बंदी 2 अक्तूबर की मध्य रात्रि से की गई थी। बंदी के दौरान गंगनहर की सफाई, गेटों की मरम्मत व क्षतिग्रस्त किनारों के सुधार कार्य भी किए गए। हालांकि इस वर्ष नवरात्र दस दिन के होने के कारण बंदी की अवधि एक दिन कम रही — यानी 18 की जगह 17 दिन में ही सभी कार्य पूरे भी कर लिए गए।

बंदी के चलते हरकी पैड़ी पर गंगा की मुख्य धारा अस्थायी रूप से रुक भी गई थी, जिससे स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना भी करना पड़ रहा था। हालांकि, गंगा आरती की परंपरा को बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा सीमित जल प्रवाह भी जारी रखा गया था।

छोटी दीपावली की रात, यानी 19 व 20 अक्तूबर की मध्यरात्रि, गंगनहर को दोबारा खोला भी गया। गंगाजल की धारा बहते ही हरकी पैड़ी पर गंगा आरती व स्नान के दृश्य एक बार फिर सामान्य दिनों जैसे भी दिखने लगे।

भीमगोड़ा बैराज के जेई हरीश कुमार ने बताया कि बंदी के दौरान सभी आवश्यक मरम्मत कार्य भी पूरे कर लिए गए हैं और अब बाहरी सुधार कार्य भी चलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अब गंगा का जलस्तर सामान्य रहेगा व श्रद्धालुओं को स्नान में कोई परेशानी नहीं होगी।