साइबर ठगी: कनाडा से उपहार में सोने के जेवर भेजने के नाम पर महिला से 18 लाख रुपये की ठगी करने वाले आरोपित को टिहरी पुलिस ने किया गिरफ्तार

नई टिहरी – कनाडा से उपहार में सोने के जेवरात भेजने के नाम पर महिला से 18 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले आरोपी को टिहरी पुलिस ने झारखंड के धनबाद से गिरफ्तार किया है। आरोपित के पास से पुलिस ने 35 लाख रुपये से अधिक का माल भी बरामद किया है। यह व्यक्ति अंतरराष्ट्रीय साइबर गैंग से जुड़ा हुआ था, जो पाकिस्तान तक फैला हुआ था और ठगी के लिए फर्जी बैंक खातों और सिम कार्ड्स उपलब्ध कराता था।

ठगी का तरीका और पुलिस जांच

पुलिस के अनुसार, 16 अगस्त 2024 को कंडी, कैम्पटी (टिहरी) की निवासी पवित्र देवी ने साइबर ठगी की शिकायत की थी। महिला ने बताया कि कुछ समय पहले उन्हें एक अजनबी नंबर से फोन आया था, जिसमें कॉल करने वाले ने अपना नाम मनीष चौधरी बताते हुए खुद को कनाडा का निवासी बताया। धीरे-धीरे दोनों के बीच दोस्ती हो गई, और एक दिन मनीष ने महिला से सोने की ज्वेलरी उपहार में भेजने की बात भी की।

फर्जी कस्टम अधिकारी का फोन और धोखाधड़ी

25 जून 2024 को महिला को एक फोन आया, जिसमें फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुंबई एयरपोर्ट का कस्टम अधिकारी बताया। उसने कहा कि महिला के नाम एक 38 लाख रुपये का पार्सल आया है, जिसे प्राप्त करने के लिए कस्टम फीस के रूप में धनराशि जमा भी करनी होगी। कस्टम फीस के नाम पर महिला से अलग-अलग बैंक खातों में 18 लाख रुपये से अधिक की रकम भी जमा करवा ली गई। इसके बाद भी महिला को उपहार नहीं मिला, तो उसे ठगी का एहसास भी हुआ।

आरोपी के नेटवर्क का खुलासा

पुलिस ने इस मामले की जांच साइबर सेल को सौंपी, और पता चला कि आरोपित ने यह राशि 7 अलग-अलग बैंक खातों में जमा करवाई, जिनमें से 2 खाते भोपाल (मध्य प्रदेश) और लखीसराय (बिहार) से जुड़े थे। इन खातों का इस्तेमाल करने में पप्पू कुमार साव, एक साइबर ठग का हाथ था, जिसने इन फर्जी खातों को साइबर ठगों को उपलब्ध भी कराया। इसके बाद पुलिस ने धनबाद में आरोपी की तलाश शुरू की, जहां वह एक मामले में जेल में बंद पाया गया। पुलिस ने उसे टिहरी लाने के लिए ट्रांजिट रिमांड भी हासिल किया।

पाकिस्तानी हैंडलर्स और धोखाधड़ी का जाल

आरोपी इंटरनेट के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर झारखंड, बंगाल, और बिहार के युवकों को मोटी कमाई का लालच देकर फंसाता था और उन्हें बैंक अकाउंट व सिम कार्ड खोलने के लिए प्रेरित भी करता था। ये सिम कार्ड और बैंक खातों की डिटेल्स आरोपी अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजता था, जो उसे निर्देश भी देते थे। इसके बदले आरोपी को ठगी की धनराशि का 3 प्रतिशत और सिम कार्ड व बैंक खातों को उपलब्ध कराने वाले युवकों को 6 प्रतिशत मिलते थे।

पुलिस का सर्च ऑपरेशन और अन्य आरोपितों की तलाश

पुलिस ने भोपाल और लखीसराय से जुड़े फर्जी खातों के माध्यम से की गई धनराशि के ट्रांसफर की जांच की है। भोपाल का खाता मुस्कान साहू के नाम पर था, और उसके माध्यम से रकम 4 अन्य खातों में स्थानांतरित की गई, जिनमें से एक खाताधारक की आत्महत्या हो चुकी है। दूसरा खाताधारक दिलीप यादव जतारा जेल (मध्य प्रदेश) में बंद है, जबकि अन्य खाताधारकों में सत्यम भानावत और धर्मेंद्र यादव की तलाश जारी है।

पुलिस अब इन आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में सर्च ऑपरेशन चला रही है और साइबर ठगी के इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को बेनकाब करने के लिए जांच आगे भी बढ़ाई जा रही है।

पुलिस अधिकारियों की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अजनबी व्यक्ति से ऐसे फोन कॉल्स का जवाब न दें, और किसी भी प्रकार की वित्तीय जानकारी या पैसे न भेजें। साथ ही, साइबर ठगी के मामलों में जल्दी से जल्दी पुलिस से संपर्क भी करें।