एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से मिली राहत
सरकार को याचियों को काउंसलिंग में शामिल करने के निर्देश
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एनआईओएस (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान) से 18 माह का डीएलएड डिप्लोमा करने वाले अभ्यर्थियों को अब बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे पात्र अभ्यर्थियों के आवेदन पर विचार करते हुए उन्हें शिक्षक भर्ती की काउंसलिंग में शामिल भी करे। यह आदेश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ ने विभिन्न याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया।
मामले की पृष्ठभूमि
नैनीताल निवासी नंदन सिंह बोहरा और अन्य याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उन्होंने एनसीटीई से मान्यता प्राप्त एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड डिप्लोमा भी किया है। वर्ष 2021 में राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था और उन्हें पहले काउंसलिंग के लिए बुलाया भी गया था। लेकिन 10 फरवरी 2021 को सचिव, विद्यालयी शिक्षा द्वारा आदेश जारी कर उनकी काउंसलिंग पर रोक भी लगा दी गई।
इस आदेश को याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर 14 सितंबर 2022 को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सचिव का आदेश निरस्त करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता शिक्षक पद के लिए पूर्ण रूप से योग्य भी हैं।
सुप्रीम कोर्ट में मामला
इस निर्णय को कुछ अन्य पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 28 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने खंडपीठ के आदेश को रद्द कर दिया। इसके खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को निर्णय सुनाते हुए कहा कि वे अभ्यर्थी जो 10 अगस्त 2017 तक निजी विद्यालयों में कार्यरत थे, केवल वही भर्ती के पात्र माने जाएंगे। यह व्यवस्था केवल एक बार के लिए लागू होगी और 18 माह के डीएलएड डिप्लोमा को वैध माना गया।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च 2025 को एक और आदेश पारित कर 10 दिसंबर 2024 के आदेश में संशोधन किया और सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि पात्र अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया की काउंसलिंग में शामिल किया जाए।
राज्य सरकार की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में 15 अप्रैल 2025 को राज्य सरकार ने शासनादेश जारी कर पात्र अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के लिए दिशा-निर्देश तय किए। हाईकोर्ट की एकलपीठ ने अब इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए याचिकाओं को निस्तारित कर सरकार को आदेशित किया है कि वह याचियों को काउंसलिंग में सम्मिलित करे।