शीतकालीन चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं को बड़ी राहत, जीएमवीएन ने आवासीय किराया 50% घटाया
देहरादून: उत्तराखंड में शीतकालीन चारधाम यात्रा को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) ने एक बड़ा कदम उठाया है। निगम ने श्रद्धालुओं व पर्यटकों को राहत देने के लिए अपने होटलों व गेस्ट हाउसों की आवासीय दरों में 50 प्रतिशत तक की छूट देने की घोषणा भी की है। इस निर्णय से यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को अब आवास सुविधा आधे किराए में ही मिलेगी।
सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद ही यह कदम उठाया गया है, जिसका उद्देश्य शीतकालीन यात्रा को आकर्षक व सुलभ बनाना है। जीएमवीएन की यह छूट मुख्य रूप से उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिलों में स्थित निगम के होटलों पर लागू भी होगी — जहां शीतकाल में श्रद्धालुओं की आवाजाही सबसे अधिक भी रहती है।
गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक विशाल मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप निगम शीतकालीन यात्रा को सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास भी कर रहा है। “हमने अपने होटल व गेस्ट हाउसों की मौजूदा दरों पर 50 फीसदी तक की छूट देने का निर्णय भी लिया है ताकि अधिक से अधिक श्रद्धालु व पर्यटक इसमें सम्मिलित हो सकें।
उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य है कि धार्मिक पर्यटन केवल 6 महीनों तक सीमित न रहे, बल्कि बारहों महीने ही सक्रिय रहे। शीतकाल में चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद भी उनके शीतकालीन गंतव्यों पर पूजा-अर्चना भी जारी रहती है—
- गंगोत्री धाम की पूजा मुखबा गांव (हरसिल) में,
- यमुनोत्री धाम की पूजा खरसाली में,
- केदारनाथ धाम की पूजा उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में,
- बदरीनाथ धाम की पूजा पांडुकेश्वर के योगध्यान बदरी मंदिर व जोशीमठ में होती है।
इन स्थलों पर हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। जीएमवीएन का यह फैसला न सिर्फ श्रद्धालुओं को राहत देगा बल्कि ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ के विजन को भी नई दिशा प्रदान भी करेगा, जिससे राज्य में धार्मिक पर्यटन को सालभर जीवंत बनाए रखने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।