अल्मोड़ा से बड़ी खबर — गोल्ज्यू महोत्सव में उमड़ा लोक संस्कृति का रंग!

सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा में इन दिनों गोल्ज्यू महोत्सव की धूम ही मची है। ऐतिहासिक मल्ला महल परिसर में शुरू हुए 7 दिवसीय इस महोत्सव में कला, संगीत व लोक संस्कृति का अद्भुत संगम भी देखने को मिल रहा है।

गुरुवार को जीजीआईसी ड्योरीपोखर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए मल्ला महल भी पहुंची। यहां दीप प्रज्वलन के साथ महोत्सव का विधिवत शुभारंभ भी किया गया।

उद्घाटन दिवस पर भातखंडे संगीत महाविद्यालय की छात्राओं ने मोहक कथक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल ही जीत लिया। वहीं, क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा किया गया पारंपरिक छोलिया नृत्य लोक रंगों से पूरे माहौल को सराबोर भी कर गया।

राजस्थान से आए कलाकारों ने प्रसिद्ध लोकगीत ‘मांड – केसरिया बालम आओ जी पधारो म्हारे देश’ प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने पर मजबूर ही कर दिया।

संस्कार सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के सचिव प्रकाश बिष्ट ने बताया कि महोत्सव 5 नवंबर तक भी चलेगा। इसमें कुमाऊं की पारंपरिक झोड़ा, चांचरी व भागनौल नृत्यों के साथ देशभर की लोक विधाओं का प्रदर्शन भी किया जाएगा।

महोत्सव में जम्मू की डोगरी, पंजाब का भांगड़ा-गिद्धा, राजस्थान का कालबेलिया व भवई, गुजरात का सिद्धि धमाल और पश्चिम भारत का फाग नृत्य जैसी प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केंद्र भी रहेंगी।

प्रकाश बिष्ट ने कहा, महोत्सव का मुख्य उद्देश्य स्थानीय संस्कृति को सहेजना व नई पीढ़ी को उससे जोड़ना है।
कार्यक्रम स्थल पर गायन-नृत्य प्रतियोगिताएं, बच्चों के लिए झूले, व स्थानीय उत्पादों के स्टॉल भी लोगों को खूब आकर्षित कर रहे हैं।