बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामला: सुप्रीम कोर्ट ने रोक बरकरार रखी, अगली सुनवाई 2 दिसंबर को

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बहुचर्चित बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में लगाई गई रोक को बनाए रखते हुए अगली सुनवाई की तारीख 2 दिसंबर भी निर्धारित कर दी है।

जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जयमाला बागची की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई की। अब्दुल मतीन सिद्दीकी द्वारा दाखिल लीव टू अपील में हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती  भी दी गई है, जिसमें बनभूलपुरा क्षेत्र से रेलवे अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए गए थे।

सुनवाई के दौरान रेलवे, राज्य सरकार व कब्जेदारों की ओर से अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। रेलवे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि रेल सेवाओं के विस्तार व निर्माण कार्य के लिए 30 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, जिस पर अवैध कब्जे हैं। रेलवे ने इस भूमि को जल्द खाली कराने के लिए न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग भी की।

वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता अभिषेक अत्रे ने पक्ष भी रखा। कब्जेदारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद, प्रशांत भूषण सहित अन्य अधिवक्ता भी पेश हुए। उन्होंने तर्क दिया कि जिस भूमि की मांग रेलवे कर रहा है, वह उनके पूर्व दावे में शामिल ही नहीं थी और रिटेनिंग वॉल बनने के बाद रेलवे को अब कोई खतरा ही नहीं है।

कब्जेदारों की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निवासियों को स्थानांतरित करने के प्रस्ताव का विरोध भी किया गया, जिस पर रेलवे के अधिवक्ताओं ने आपत्ति भी दर्ज कराई।