राहुल को राहत के बाद INDIA की बैठक में कांग्रेस का पलड़ा होगा भारी

मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है। इसके साथ ही मुंबई में होने वाले इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक की तैयारियां जोरों पर हैं। बदले हालात में इस बात के पूरे आसार हैं कि इस बैठक में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहेगा। मुंबई में होने वाली बैठक में इंडिया गठबंधन से जुड़े कई अहम फैसले होने वाले हैं। एक तरफ गठबंधन के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का ऐलान होने वाला है। वहीं, गठबंधन के चेहरे को लेकर भी बात हो सकती है। इसके अलावा कांग्रेस इस फैक्टर का फायदा सीट शेयरिंग फॉर्मूले में भी उठा सकती है। वह अन्य दलों से ज्यादा सीटों को लेकर मांग कर सकती है।

राहुल गांधी की वापसी से बढ़ा हौसला
मोदी सरनेम मानहानि केस में सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की सांसदी चली गई थी। हालांकि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। इसके साथ ही उनकी सांसदी वापस मिलने का भी रास्ता खुल गया है। इस बात को लेकर कांग्रेस काफी ज्यादा उत्साह में है और माना जा रहा है कि मुंबई में होने वाली बैठक में पूरे दमखम के साथ उतरेगी। इसके साथ ही अब कांग्रेस गठबंधन के अन्य साथियों पर दबदबा भी कायम भी कर सकती है।

पटना से बेंगलुरु तक बढ़ा है कांग्रेस का कद
यह भी दिलचस्प है कि संयुक्त विपक्ष की पहली बैठक पटना में हुई थी। उस वक्त नीतीश कुमार सर्वेसर्वा नजर आ रहे थे। पटना की बैठक में विभिन्न दलों को जुटाने में भी नीतीश कुमार की भूमिका काफी अहम रही। लेकिन विपक्षी दलों का कारवां बेंगलुरु पहुंचने तक कहानी बदल चुकी थी। बेंगलुरु में गठबंधन के नाम पर मुहर लगी और कहा गया नीतीश कुमार इंडिया नाम से संतुष्ट नहीं थे। बैठक से नीतीश की जल्दी वापसी को भी उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा गया। वहीं कांग्रेस ने गठबंधन के नए नाम का श्रेय पूरी तरह से कांग्रेस को दिया।

मुंबई में मुकम्मल होगी बेंगलुरु की कहानी?
देखा जाए तो पटना में अलग-थलग रहने के बाद बेंगलुरु में कांग्रेस की कहानी बदलनी शुरू हुई। अब मुंबई की बैठक में कांग्रेस को अपनी कहानी मुकम्मल होने की उम्मीद है। उसकी इस उम्मीद को धार मिली है, सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से, जिसमें राहुल गांधी को राहत दी गई है। कांग्रेस उम्मीद कर रही होगी कि इस फैसले के राहुल गांधी की स्वीकार्यता विपक्षी दलों में भी बढ़ेगी। बेंगलुरु की बैठक में तो ममता राहुल का नाम पीएम पद के लिए बढ़ा चुकी हैं। हालांकि तब खरगे ने उनकी बात टाल दी थी। लेकिन अब कांग्रेस पुरजोर तरीके से राहुल गांधी को विपक्ष का चेहरा बनाने की वकालत कर सकती है।