राज्य में उच्च शिक्षा सुधार को लेकर दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन, एनईपी 2020 के तहत बनेगा भविष्य का रोडमैप
देहरादून | प्रदेश की उच्च शिक्षा को गुणवत्तापरक, रोजगारपरक, शोध आधारित व नवाचार युक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा जल्द ही दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन भी किया जा रहा है। यह राज्य स्तरीय शिविर अगस्त के अंतिम सप्ताह में आयोजित होगा, जिसमें नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अनुरूप शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने पर भी मंथन होगा।
मुख्य उद्देश्य – उच्च शिक्षा के लिए ठोस रणनीतिक सुधार
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि इस चिंतन शिविर का प्रमुख उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नीति आधारित सुधारों की पहचान कर एक दूरदर्शी व प्रभावी रोडमैप तैयार करना है। जिससे प्रदेश के युवाओं को
- गुणवत्तापरक शिक्षा
- रोजगार के अनुकूल पाठ्यक्रम
- शोध और नवाचार के अवसर मिल सकें।
साझेदारी और समन्वय पर विशेष फोकस
डॉ. रावत ने बताया कि
शिविर के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक व औद्योगिक संस्थानों से साझेदारियां भी स्थापित की जाएंगी। इसके तहत शिक्षा, शोध और उद्योग क्षेत्र के बीच सुदृढ़ समन्वय विकसित भी किया जाएगा।
शिविर में जिन विषयों पर होगा मंथन:
- NEP-2020 का प्रभावी क्रियान्वयन
- शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता और संबद्धता प्रणाली
- शैक्षणिक संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण
- डिजिटलीकरण, समावेशिता और बहु-विषयक शिक्षा
- शोध, नवाचार, रोजगार और प्लेसमेंट की दिशा में ठोस पहल
शिविर में ये होंगे शामिल:
- प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और शोधकर्ता
- विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति
- महाविद्यालयों के प्राचार्य
- शिक्षा उद्यमी एवं औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि
डॉ. रावत ने सभी विभागीय अधिकारियों को समयबद्ध तैयारी के निर्देश भी दे दिए हैं ताकि चिंतन शिविर का आयोजन सफलतापूर्वक भी किया जा सके।
इस शिविर से प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यापक व दूरगामी सुधारों की नींव रखे जाने की उम्मीद है।