उत्तराखंड हाईकोर्ट में अजीबोगरीब मामला: रिकॉर्ड में दो ‘धनुली देवी’, भरण-पोषण आदेश रद्द कर मामला पुनः फैमिली कोर्ट भेजा
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने न्यायालय को भी उलझन में भी डाल दिया। सुनवाई के दौरान रिकॉर्ड में 2 अलग-अलग ‘धनुली देवी’ दिखाई दीं—एक जिनके बारे में दावा किया गया कि उनका 2010 में निधन भी हो चुका है, और दूसरी महिला जो खुद को याची खड़क सिंह की पत्नी बताते हुए मंगलवार को अदालत में पेश भी हुई।
धनुली देवी बनाम खड़क सिंह मामले में न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकलपीठ ने परिवार न्यायालय, नैनीताल द्वारा 2025 में दिए गए भरण-पोषण आदेश को रद्द भी कर दिया और मामले को पुनः सुनवाई के लिए फैमिली कोर्ट में वापस भेज दिया। अदालत ने निर्देश दिया कि दोनों पक्षों को अपने-अपने साक्ष्य पूरे अवसर के साथ प्रस्तुत करने भी दिया जाए।
2 महिलाएं, एक पहचान—कौन है असली धनुली देवी?
फैमिली कोर्ट के आदेश को खड़क सिंह ने हाईकोर्ट में चुनौती भी दी थी।
- कोर्ट में उपस्थित महिला ने दावा किया कि वह खड़क सिंह की पत्नी है।
- उसने कहा कि उनके 2 बच्चे—1 बेटा और 1 बेटी—शादीशुदा हैं और बेटी का कन्यादान भी खड़क सिंह ने ही किया था।
खड़क सिंह ने इसके विपरीत दावा किया कि:
- उसकी वास्तविक पत्नी धनुली देवी का 2010 में निधन हो चुका है।
- अदालत में उपस्थित महिला दरअसल कमला देवी है, जो पहले उसके घर में मेड के रूप में काम करती थी।
- खड़क सिंह का आरोप है कि कमला देवी पेंशन और अन्य धन लाभ पाने के लिए खुद को झूठा धनुली देवी बताकर दावा पेश कर रही है।
हाईकोर्ट ने कहा—मामला गंभीर, गहराई से जांच जरूरी
अदालत ने टिप्पणी की कि पहचान से जुड़ा यह विवाद बेहद जटिल है व केवल दस्तावेजी साक्ष्य ही सच्चाई स्पष्ट कर सकते हैं। जबकि परिवार न्यायालय ने इस प्रकरण की विस्तृत व आवश्यक जांच भी नहीं की थी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब फैमिली कोर्ट को दोनों पक्षों की पहचान, दस्तावेजों व सभी साक्ष्यों की गंभीरता से जांच करते हुए मामले का पुनः निस्तारण भी करना होगा।