
विधायक निधि खर्च में सौरभ बहुगुणा और गणेश जोशी सबसे आगे, धन सिंह रावत और प्रेमचंद अग्रवाल पीछे
विधायक निधि के उपयोग में कम सक्रियता, अधिकांश विधायकों को और सक्रियता दिखानी होगी
उत्तराखंड में विधायक निधि के उपयोग को लेकर ज्यादातर विधानसभा सदस्यों को अधिक सक्रियता दिखाने की आवश्यकता भी है। 2022-23 से लेकर दिसंबर 2024 तक सभी 70 विधायकों को 964 करोड़ रुपये विधायक विकास निधि के रूप में आवंटित भी किए गए, जिसमें से अब तक 589.21 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस प्रकार, विधायक निधि के उपयोग की दर 61 प्रतिशत ही रही है।
यह जानकारी सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत प्राप्त की गई है। एडवोकेट नदीम उद्दीन ने ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय से यह सूचना प्राप्त की। इसके अनुसार, सीएम पुष्कर सिंह धामी सहित कई कैबिनेट मंत्रियों का प्रदर्शन बेहतर रहा है, लेकिन कई अन्य मंत्रियों को अपनी निधि का अधिकतम उपयोग करने की जरूरत है।
मंत्रियों में सबसे अधिक खर्च करने वाले
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, जो सितारगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, ने सबसे अधिक 85 प्रतिशत विधायक निधि खर्च की है। उनके बाद मसूरी से विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने 72 प्रतिशत, सोमेश्वर से कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने 64 प्रतिशत, नरेंद्र नगर से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने 57 प्रतिशत, और चौबट्टाखाल से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने 56 प्रतिशत निधि खर्च भी की है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने 29 प्रतिशत और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 33 प्रतिशत निधि का उपयोग ही किया है। उन्हें निधि के अधिकतम उपयोग के लिए और सक्रियता दिखानी पड़ेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 53 प्रतिशत निधि खर्च की है।
विधायकों में सबसे अधिक खर्च करने वाले
मंत्रियों के अलावा, विधायकों में सबसे अधिक निधि खर्च करने वाले भाजपा विधायक प्रदीप बतरा (रूड़की) हैं, जिन्होंने 90 प्रतिशत निधि का उपयोग किया। इसके बाद गदरपुर के विधायक अरविंद पांडेय (87 प्रतिशत), ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर (85 प्रतिशत), पिरानकलियर के विधायक फुरकान अहमद (84 प्रतिशत), नानकमत्ता के विधायक गोपाल सिंह राणा (83 प्रतिशत) व खानपुर के उमेश कुमार (82 प्रतिशत) हैं।
कम खर्च करने वाले विधायक
वहीं, कुछ विधायकों ने बेहद कम निधि खर्च की है। उत्तराखंड में सबसे कम विधायक निधि खर्च करने वाले विधायकों में टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय (15 प्रतिशत) सबसे पीछे हैं। इसके अलावा लालकुआं के डॉ. मोहन सिंह बिष्ट (34 प्रतिशत), लोहाघाट के खुशाल सिंह (34 प्रतिशत), चकराता के प्रीतम सिंह (37 प्रतिशत), नैनीताल की सरिता आर्य (40 प्रतिशत), कपकोट के सुरेश गडिया (42 प्रतिशत), कालाढूंगी के बंशीधर भगत (43 प्रतिशत) व रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी (43 प्रतिशत) शामिल हैं।
61 प्रतिशत से कम खर्च करने वाले विधायक
प्रदेश के औसत 61 प्रतिशत से कम विधायक निधि खर्च करने वाले विधायकों में बाजपुर से यशपाल आर्य (45 प्रतिशत), हल्द्वानी से सुमित ह्रदयेश (46 प्रतिशत), भीमताल से रामसिंह कैड़ा (46 प्रतिशत), पुरोला से दुर्गेश्वर लाल (47 प्रतिशत), गंगोत्री से सुरेश चौहान (47 प्रतिशत), यमुनोत्री से संजय डोभाल (49 प्रतिशत), थराली से भोपाल राम टम्टा (55 प्रतिशत), अल्मोड़ा से मनोज तिवारी (56 प्रतिशत), काशीपुर से त्रिलोक सिंह चीमा (56 प्रतिशत), हरिद्वार से मदन कौशिक (57 प्रतिशत), कैंट से सविता कपूर (58 प्रतिशत), देवप्रयाग से विनोद कण्डारी (58 प्रतिशत), रामनगर से दीवान सिंह बिष्ट (58 प्रतिशत), पिथौरागढ़ से मयूख महर (60 प्रतिशत) और लैंसडौन से विधायक दिलीप सिंह रावत (60 प्रतिशत) भी शामिल हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार, विधायक निधि के प्रभावी उपयोग के लिए विधायकों को और अधिक सक्रियता और तत्परता दिखाने की आवश्यकता भी है।