23 वर्ष बाद अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होने के बाद भी मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे, जाने क्या है वजह

23 वर्ष बाद अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होने के बाद भी मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। गुरु और शुक्र अस्त होने के चलते ही ऐसा होगा। हालांकि, इस दिन सोना-चांदी व वाहनों की खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त भी रहेगा।

 

अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन काफी संख्या में शादियां भी होती हैं। लेकिन इस बार ऐसा होगा ही नहीं। 25 अप्रैल से 29 जून तक शुक्र भी अस्त है। ज्योतिष के मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक कार्य करना काफी शुभ भी माना जाता है। इस दिन अबूझ मुहूर्त भी होता है। लेकिन इस बार शुक्र का तारा अस्त होने के कारण अक्षय तृतीया पर भी मांगलिक कार्य बिलकुल नहीं हो सकेंगे।

 

उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष विजेंद्र प्रसाद ममगांई बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन विवाह, गृह प्रवेश या कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य करने के लिए मुहूर्त की आवश्यकता ही नहीं होती। लेकिन 23 वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब अक्षय तृतीया पर मांगलिक कार्य ही नहीं होंगे। बताते हैं, शुक्रास्त में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और मूर्ति प्रतिष्ठा आदि शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।

 

आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगांई बताते हैं कि गुरु व शुक्र को विवाह का कारक माना जाता है। वैशाखी, विजयदशमी, मकर संक्रांति व वसंत पंचमी के पर्व पर बिना मुहूर्त देखे विवाह भी किए जा सकते हैं। लेकिन इसके लिए गुरु व शुक्र का उदय होना बहुत जरूरी है।

 

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी, वाहन आदि खरीदना शुभ माना जाता है। इस बार 10 मई को अक्षय तृतीया पर अभिजीत मुहूर्त में सोना-चांदी व वाहन खरीदना शुभ रहेगा। इस बार अभिजीत मुहूर्त में 11:30 बजे से 12:30 बजे तक सोना-चांदी व वाहन खरीदे जा सकेंगे।