हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले में याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनने के बाद सचिवालय का पक्ष सुनने के लिए अगली सुनवाई की तारीख 11 दिसंबर तय की है।

हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले में याचिकाकर्ताओं का पक्ष सुनने के बाद सचिवालय का पक्ष सुनने के लिए अगली सुनवाई की तारीख 11 दिसंबर तय की है। सर्वोच्च न्यायलय के वरिष्ठ अधिवक्ता देवीदत्त कामथ, उच्च न्यायलय के पूर्व महाधिवक्ता वीवीएस नेगी और अधिवक्ता रवींद्र बिष्ट ने बर्खास्त कर्मचारियों को ओर से पक्ष रखा। उनकी ओर से कहा गया कि उन्हें बिना नोटिस दिए कार्य से हटा दिया गया जबकि उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया जाना था। यह विधान सभा नियमावली के विरुद्ध है। एक साथ इतने कर्मचारियों को निकालना नियम विरुद्ध है। पूर्व में भी एक जनहित याचिका में उन्हें कोर्ट से राहत मिल चुकी है। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कुलदीप सिंह, बबीता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ट और 102 अन्य ने अपनी बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसमें कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं 27, 28 और 29 सितंबर 2022 को समाप्त कर दीं। बर्खास्तगी आदेश मे उन्हें किस आधार पर वजह से हटाया गया कहीं इसका उल्लेख भी नहीं किया गया और न ही उन्हें सुना भी गया।