हल्द्वानी पहुंचे सचिन पायलट ने 13 मिनट के अपने भाषण में केंद्र सरकार पर जमकर निशाने साधे।

हल्द्वानी पहुंचे सचिन पायलट ने 13 मिनट के अपने भाषण में केंद्र सरकार पर जमकर निशाने भी साधे। 13 मिनट के भाषण में सचिन पायलट ने एक बार भी मोदी का नाम नहीं लिया। उन्होंने बीजेपी के द्वारा पूर्व में किए वायदों पर सवाल उठाए। बोले 10 वर्ष के कार्यकाल में सरकार ने क्या किया? पूछा क्या किसी किसान की आमदनी दोगुनी हुई? क्या कालाधन वापस आया? बेरोजगारों को रोजगार मिला?। पूर्व पीएम राजीव गांधी का उल्लेख करते हुए युवा नेता ने कहा कि राजीव गांधी ने तो कभी बीजेपी मुक्त भारत बनाने की नहीं सोची, वह भी तब जब उनके पास कांग्रेस के 405 सांसद थे।

 

हल्द्वानी का रामलीला मैदान कांग्रेस के लिए अहम स्थान भी माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी मैदान से लगे बनभूलपुरा क्षेत्र को कांग्रेस का गढ़ भी माना जाता है। साथ ही इसके पास स्वराज आश्रम है जो कांग्रेस का मुख्य कार्यालय भी है। यह वही स्वराज आश्रम है जहां कभी देश की आजादी के लिए कांग्रेसी एकत्र होकर रणनीति को बनाते थे।

 

कांग्रेस और बीजेपी नैनीताल संसदीय सीट पर चुनाव प्रचार के मामले में एक दूसरे से बढ़त लेने की जुगत में लगे रहे। पहले बीजेपी ने रुद्रपुर में मोदी की जनसभा कर कुमाऊं को संदेश दिलाया। इसके जवाब में कांग्रेस ने रामनगर में प्रियंका गांधी की जनसभा कर हिसाब को बराबर कर दिया। उसके बाद बीजेपी ने हल्द्वानी में योगी की जनसभा कराई। जवाब में कांग्रेस ने सचिन पायलट की ही सभा करा दी।

 

कांग्रेस की जनसभा बीते बुधवार को रामलीला ग्राउंड में हुई। यहां मंच उस स्थान पर बनाया गया था जहां से प्रभु राम की लीला भी दिखाई जाती है। कांग्रेस के नेता सचिन पालयट ने इसी मंच से जाते-जाते सभी से राम-राम कही।

 

हल्द्वानी का रामलीला मैदान कई दशकों तक रैलियों व जनसभा का मुख्य स्थल रहा है। साल 1980 के दशक में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने भी यहां जनसभा की थी। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित भी किया। रामलीला मैदान में रामनवमी के दिन यह जनसभा होने से मौका व खास हो गया। रामलीला के मंच से कांग्रेस के स्टार प्रचारक सचिन पायलट ने धर्म, जाति व बिरादरी से परे होकर वोट देने की अपील भी की। भाषण को समाप्त करने के बाद सचिन पायलट ने सभी को राम-राम कहा, जिसका कांग्रेसियों ने भी राम-राम कहकर ही जवाब दिया। वहीं विधायम सुमित हृदयेश ने राम नाम से लोगों को जोड़कर रामनवमी की बधाई भी दी।