शिक्षा विभाग के अजब-गजब कारनामें, 2 महीने पहले सुगम घोषित 7 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अब दुर्गम

शिक्षा विभाग के अजब-गजब कारनामें । विभाग ने शिक्षक-कर्मचारियों के तबादलों के लिए जिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को 2 माह पहले सुगम घोषित किया था, शिक्षकों के तबादलों की तिथि नजदीक आते ही उनमें से 7 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को दुर्गम क्षेत्र में शामिल भी कर दिया गया है। दूरस्थ क्षेत्रों में तबादलों से बचने के लिए कोटिकरण में यह बदलाव भी किया गया है।

 

प्रदेश में इन दिनों शिक्षक-कर्मचारियों के तबादलों की प्रक्रिया भी चल रही है। तबादला एक्ट के तहत 10 जून तक विभागों को तबादला आदेश करने थे, लेकिन राज्य में चुनाव आचार संहिता की वजह से शिक्षा समेत विभिन्न विभागों में अब तक तबादलों के आदेश ही नहीं हुए। विभाग सुगम, दुर्गम क्षेत्र के कोटिकरण और तबादलों के लिए पात्र शिक्षक-कर्मचारियों की सूची को तैयार करने में जुटे हैं।

 

इस बीच शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के कोटिकरण के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में गठित समिति ने राज्य के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों का कोटिकरण भी किया। कोटिकरण के बाद समिति ने 20 अप्रैल 2024 को सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को सुगम भी घोषित किया।

 

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, निकट के माध्यमिक विद्यालयों की श्रेणी को देखते हुए सभी डायट सुगम ही घोषित किए गए हैं, लेकिन शिक्षा महानिदेशक ने 10 जून 2024 को आदेश जारी कर साल 2024 में किए गए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के कोटिकरण को रद्द भी कर दिया। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी की ओर से जारी आदेश में भी कहा गया है कि इससे पैदा होने वाली विसंगतियों को देखते हुए साल 2024 के कोटिकरण को रद्द भी किया गया है। सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों में साल 2022 में तय कोटिकरण ही लागू होगा।

 

  • ये सुगम संस्थान फिर से हो गए दुर्गम

शिक्षा महानिदेशक के इस आदेश से 2 माह पहले सुगम घोषित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बड़कोट (उत्तरकाशी), जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान चड़ीगांव (पौड़ी गढ़वाल), गौचर (चमोली), रतूड़ा (रुद्रप्रयाग), डीडीहाट (पिथौरागढ़), लोहाघाट (चंपावत) व जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर दुर्गम हो गए हैं।

 

  • कोटिकरण के लिए गठित समिति में ये भी थे शामिल

इस वर्ष अप्रैल में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के कोटिकरण के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में जो समिति गठित की गई थी, उसमें अपर निदेशक एससीईआरटी अजय नौडियाल, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ.मुकुल कुमार सती, उप निदेशक सीपी रतूड़ी और एमआईएस प्रभारी मुकेश बहुगुणा शामिल थे।

 

  • दुर्गम व अतिदुर्गम में कार्यरत शिक्षकों के साथ है अन्याय

सुगम घोषित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों को दुर्गम में शामिल करने को कुछ शिक्षकों ने दूरस्थ क्षेत्रों के शिक्षकों के साथ अन्याय भी बताया है। शिक्षकों का कहना है कि सुगम क्षेत्र यदि दुर्गम घोषित किए जाते रहे तो अति दुर्गम क्षेत्रों के शिक्षक कभी सुगम में ही नहीं आ पाएंगे।

 

  • तबादला एक्ट भी कर दिया दरकिनार

उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 के अनुसार हर वर्ष कार्यस्थल का कोटिकरण होगा, लेकिन शिक्षा विभाग में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के लिए साल 2022 के कोटिकरण को लागू भी किया जा रहा है।