बागेश्वर : 6 माह तक गांव में हुई पूजा पाठ, अब 4 युवकों की जान जाने से मच गया कोहराम; हर आंखें नम, ऐसे हुआ हादसा

बागेश्वर के जुनायल गांव के गोलू मंदिर में 6 महीने से पूजा पाठ भी चल रही थी और भक्तिमय माहौल था। किसी को जरा भी आभास तक नहीं था कि आयोजन के समापन के दिन ही हादसे की खबर मिलेगी। हर कोई स्तब्ध भी है, हर आंखें नम हैं। किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि गांव के 4 युवक इस तरह हादसे के शिकार भी हो जाएंगे। छमासी में बैठा दीपक आर्या 6 महीने से एक समय का ही भोजन कर रहा था। बीते शनिवार की रात मंदिर में नौबत (नौर्त-जागा) पूजा भी थी। चारों युवक देर रात तक नौबत पूजा में शामिल भी हुए थे। छमासी का आयोजक भी नीरज था।

 

वह धार्मिक प्रवृत्ति का भी था। हमेशा पूजा-पाठ में व्यस्त भी रहता था। उसका भाई दीपक बेरोजगार ही था। चारों युवकों में सिर्फ कैलाश राम ही विवाहित था। उसकी करीब डेढ़ साल पहले ही शादी हुई थी। कैलाश मजदूरी करता था तो वही ग्रामीणों के अनुसार कार कमल प्रसाद की थी। गांव के लोगों ने बताया कि कमल ही कार को चला रहा था। हादसे के कारणों के पीछे चालक का देर रात तक मंदिर मजागे रहना व झपकी आना माना जा रहा है।

 

ग्रामीणों के अनुसार इसी स्थान पर 15 वर्ष पहले भी हादसा हुआ था। तब 3 लोगों की जान गई थी। पुंगर घाटी विकास मंच के संयोजक हरीश कालाकोटी, एडवोकेट राजेश रौतेला, कैलाश कौरंगा, नरेंद्र रौतेला, पूर्व प्रधान गणेश खेतवाल, महेश कालाकोटी, दीवान सिंह और बबलू कालाकोटी ने कहा कि यह सड़क खराब है। हादसों के बाद जिम्मेदार सुध तक नहीं ले रहे हैं।

 

जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां पर पैरापिट तक नहीं बने हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पैरापिट होते तो शायद हादसा टल भी सकता था।

 

पुंगर घाटी घाटी विकास मंच ने हादसे पर दुख भी जताया है। मंच के संयोजक हरीश कालाकोटी व अन्य पदाधिकारियों ने शासन, प्रशासन से मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख मुआवजा देने की भी मांग की है।