बदरीनाथ और मंगलौर: भाजपा के झटके और कांग्रेस की जीत

अयोध्या के बाद भाजपा के बदरीनाथ सीट भी हार जाने के कई मायने निकाले जा रहे है। मंगलौर सीट पर भाजपा का कभी कब्जा नहीं रहा, लेकिन बदरीनाथ सीट खास थी। प्रदेश में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम सामने आने के साथ ही भाजपा को झटका लगा है। मंगलौर के साथ ही भाजपा बदरीनाथ सीट भी हार गई। मंगलौर सीट पर भाजपा ने करतार सिंह भड़ाना को मैदान में उतारा था, लेकिन भड़ाना कांग्रेस प्रत्याशी काजी मोहम्मद निजामुद्दीन से मात खा गए। वहीं बदरीनाथ में भाजपा ने राजेंद्र भंडारी पर भरोसा जताया था, लेकिन कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला से भंडारी मात खा गए।
बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस ने अपनों पर विश्वास जताया था। पार्टी ने दोनों सीटों पर उन चेहरों को मैदान में उतारा, जो कांग्रेस से लंबे समय से जुड़े हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने जिन चेहरों पर दांव लगाया, वो दोनों ही उसकी सांगठनिक नर्सरी से नहीं थे।

बदरीनाथ सीट पर भाजपा प्रत्याशी को हराने वाले 49 वर्षीय लखपत सिंह बुटोला पिछले दो दशक से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी, प्रदेश प्रवक्ता के पद पर रहे और 2011 में थाला,पोखरी से जिला पंचायत सदस्य रहे। 2015 में कुछ समय के लिए चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष की कमान भी संभाली।

वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अपने दलों को छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले चेहरों को भाजपा ने टिकट दिया। यही कारण रहा कि कांग्रेस उन्हें आयतित प्रत्याशी बता भाजपा पर तंज कस कसती रही। इसके अलावा मंगलौर विस सीट बसपा का गढ़ रही है।

मंगलौर सीट पर भाजपा प्रत्याशी को मात देने वाले काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने बसपा के टिकट पर यहीं से 2002 व 2007 का विस चुनाव जीता था। वहीं आज शनिवार उन्होंने जीत हासिल की।