फिर चूके अजय भट्ट, मुख्यमंत्री बनते-बनते भी रह गए थे, कई मौके पर सत्ता से एक कदम की दूरी पर भी फिसले

नैनीताल- ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर रिकॉर्ड मतों से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने वाले अजय भट्ट का पूर्व में बतौर रक्षा व पर्यटन राज्य मंत्री कार्यकाल बेहद ही सफल रहा। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में विकास के बड़े- बड़े कार्य भी करवाए। वे सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए व उन्होंने शालीन व्यवहार, जनता से जुड़ाव, तमाम समस्याओं के समाधान से अपनी एक विशिष्ट छवि बनाई।

 

उनकी जीत के बाद क्षेत्र की जनता को उम्मीद भी थी कि इस बार उन्हें पहले से बड़ा पद भी मिल सकता है। यह उम्मीद इस वजह से ज्यादा थी क्योंकि उत्तराखंड में बीजेपी को लगातार तीसरी बार लोकसभा में 5 सीटें मिलीं और जनता ने आज तक की परंपरा के विरुद्ध विधानसभा चुनाव मे लगातार दूसरी बार बीजेपी को सत्ता सौंपी थी। लोगों को उम्मीद थी कि इस बार राज्य से किसी को कैबिनेट मंत्री भी बनाया जा सकता है और अपने अनुभव व लोकप्रियता को देखते हुए अजय भट्ट इसके लिए बहुत उपयुक्त भी होते।

 

ऐसे में उन्हें मंत्री पद न मिलने पर आम चर्चा भी है कि चुनावों के दौरान विपक्षी दलों की ओर से धारणा बनाई गई कि बीजेपी सत्ता में आने पर एससी व ओबीसी आरक्षण समाप्त भी कर सकती है। संभवतः इसी धारणा को काउंटर करने के लिए बीजेपी प्रदेश से किसी सवर्ण चेहरे को पद देने में हिचक गई हो। वैसे इसे किस्मत ही कहा जाएगा कि यह दूसरा मौका है जब वे सारे समीकरण पक्ष में होने के बावजूद सत्ता से एक कदम की दूरी पर ही चूक गए। वर्ष 2017 में प्रदेश में हुए चुनावों से पूर्व से ही उन्हें सीएम बनाए जाने पर पार्टी की सहमति भी थी लेकिन तब पार्टी को तो चुनाव में भारी सफलता मिली किंतु वे चुनाव हार गए और मुख्यमंत्री बनने से चूक गए थे।

 

अजय भट्ट प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष सहित विभिन्न दायित्व भी संभाल चुके हैं। अनेक बार विधायक, 2 बार सांसद रह व मंत्री भी रह चुके हैं। पार्टी व जनता के बीच में बहुत लोकप्रिय और बेहद सक्रिय रहते हैं व हर कार्यकर्ता से व्यक्तिगत संपर्क और संबंध उनकी विशेषता भी है। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इसी महीने परिवर्तन होना है और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्र में मंत्री भी बनाए जा चुके हैं। ऐसे में प्रबल संभावना है कि उन्हें पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद अथवा कोई महत्वपूर्ण दायित्व भी दिया जाए।

 

7 जुलाई 2021 को उन्हें पर्यटन व रक्षा राज्यमंत्री का दायित्व भी दिया गया जिसे उन्होंने बखूबी भी निभाया। हालांकि बतौर मंत्री उन्हें केवल ढाई साल का कार्यकाल ही मिला लेकिन इस अवधि में और पूर्व में बतौर सांसद उन्होंने जमरानी बांध की स्वीकृति, काठगोदाम नैनीताल रोपवे, 700 करोड़ से हल्द्वानी नैनीताल मार्ग को डबल लेन बनवाने, रामगढ़ में विश्व भारती केंद्रीय विवि कैंपस की स्वीकृति के अलावा नैनीताल, भवाली में पार्किंग, सुशीला तिवारी अस्पताल में कैथ लैब, काठगोदाम अमृतसर ट्रेन, हल्द्वानी में केरल की तर्ज पर आयुर्वेदिक अस्पताल, 200 करोड़ से बलियानाले के उपचार, खैरना पुल निर्माण, कुमाऊं में एम्स के सैटेलाइट सेंटर, हर घर नल योजना सहित दर्जनों कार्यों को स्वीकृत व प्रारंभ करवाया।