प्रधानमंत्री के रखी भगवान श्री विष्णु के दसवें अवतार श्री कल्कि भगवान के भव्य धाम की आधारशिला।

  1. प्रधानमंत्री के रखी भगवान श्री विष्णु के दसवें अवतार श्री कल्कि भगवान के भव्य धाम की आधारशिला।
  2. महाकाल उज्जैन से आए पंडितों ने किया स्वस्ति वाचन एव मंत्रोच्चार।
  3. प्रधानमंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री भी बनें इस पल के साक्षी।

 

 

जिस धरती पर भगवान विष्णु के आखिरी अवतार का जन्म होने की मान्यता है,  उस पवित्र जगह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्कि भगवान के मंदिर का आज शिलान्यास किया। उत्तर प्रदेश में संभल के एंकरा कंबोह इलाके में कल्कि मंदिर बनने जा रहा है,  इस मंदिर को सफेद और भगवा रंग से सजाया गया। कल्कि मंदिर कैसा बनेगा, क्या हैं इसकी खासियत और क्यों भगवान विष्णु के कल्कि अवतार को रहस्यमयी कहा जाता है।  आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

 

बिना अवतार मंदिर का निर्माण शुरू

कल्कि को भगवान विष्णु का 10वां और आखिरी अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब कलयुग में पाप का घड़ा जब पूरी तरह भर जाएगा, तब भगवान कल्कि अवतार लेंगे और सभी पापियों का नाश करेंगे। कलयुगी अवतार होने की वजह से ही उन्हें कल्कि कहा गया है। कल्कि धाम को दुनिया का अनोखा मंदिर कहा जा रहा है।

 

गर्भ गृह में इनका होगा पूजन

इस मंदिर में एक नहीं बल्कि 10 गर्भगृह होंगे। जिसमें भगवान विष्णु के 10 अवतारों को दस अलग-अलग गर्भगृहो में स्थापित किया जाएगा।

मत्स्य l कूर्म l वराह l नरसिंह l वामन l परशुराम l राम l कृष्ण l बुद्ध l कल्कि (अवतार होना है)।

 

राम मंदिर निर्माण में इस्तेमाल पत्थरों का होगा प्रयोग

संभल में इस कल्कि धाम का निर्माण गुलाबी रंग के उस पत्थर से किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल अयोध्या के राम मंदिर और सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया गया था। इस मंदिर के शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी और 11 फीट के ऊपर मंदिर का चबूतरा बनेगा। साथ ही इस मंदिर में स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। कल्कि मंदिर का निर्माण लगभग 5 एकड़ में किया जाएगा और इसके निर्माण में 5 साल तक का समय लग सकता है। संभल में स्थित कल्कि पीठ अपनी पहले वाली जगह पर ही रहेगा। इसके लिए एक अद्भुत प्रतिमा लाई जाएगी, जिसकी विधि-विधान से प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी।

 

सफेद घोड़े पर सवार होकर आयेंगे भगवान कल्कि

धर्मग्रंथों में वर्णन है कि जब भगवान कल्कि का अवतार का जन्म होगा तो भगवान शिव के द्वारा उन्हें देवदत्त नाम का सफेद घोड़ा भी साथ दिया जाएगा। और भगवान बृहस्पति उनको शिक्षा-दीक्षा प्रदान करेंगे। इन्हीं बातों का ध्यान रखते हुए ही कल्कि स्वरूप में भगवान का विग्रह होगा।

 

पीएम मोदी ने सोमवार को आठ साल के लंबे इंतजार के बाद एंकरा कंबोह स्थित कल्कि धाम की आधारशिला रखी। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अफसरों के साथ कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्ण्म समेत पांच संतों की मंडली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। कल्कि धाम में पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज संभल में एक और पवित्र धाम की नींव रखी जा रही है। राम और कृष्ण की भूमि से भक्तिभाव और अध्यात्म की एक और धारा प्रवाहित होने को ललायित है। पीएम मोदी ने कहा कि अच्छे काम लोग मेरे लिए छोड़ गए हैं। मोदी ने कहा कि जो इस बार छुट गया है वो आगे होगा। हम विकास भी, विरासत भी के मंत्र को आत्मसात करते हुए चल रहे हैं।