प्रदेश में समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति अब बायोमीट्रिक से ही मिलेगी।

प्रदेश में समाज कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति अब बायोमीट्रिक से ही मिलेगी। छात्रवृत्ति के मामलों में गड़बड़ी रोकने के लिए सरकार इस वर्ष जून माह से नई व्यवस्था भी करने जा रही है। विभाग के निदेशक गीताराम नौटियाल के मुताबिक, स्कूल खुलते ही पहले छात्रों का बायोमीट्रिक सत्यापन भी होगा। समाज कल्याण विभाग की ओर से छात्र-छात्राओं को कई तरह की छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। राज्य में लगभग डेढ़ लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भी मिल रही है, लेकिन पूर्व में छात्रवृत्ति में गड़बड़ी के मामलों को देखते हुए नए वित्तीय वर्ष 2024-2024 से इसके लिए नई व्यवस्था भी शुरू होने जा रही है।

 

निदेशक नौटियाल के मुताबिक, अब छात्रवृत्ति के लिए छात्रों का पहले बायोमीट्रिक सत्यापन भी होगा। आवेदन के दौरान बायोमीट्रिक से छात्रवृत्ति की साइट भी खुलेगी। साइट खुलने पर जाति प्रमाणपत्र और मांगे गए प्रमाणपत्र छात्र डाउनलोड कर सकेंगे, जो अनुमोदन के लिए पहले प्रधानाचार्य व प्राचार्य के पास और फिर जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारी के पास भी जाएगा।

 

निदेशक के मुताबिक, प्राथमिक विद्यालय, जूनियर हाईस्कूल, माध्यमिक विद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान सभी में प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य व प्राचार्य के पास छात्रवृत्ति के आवेदकों की जो सूची आएगी वे बायोमीट्रिक के बाद अनुमोदित होकर जिला समाज कल्याण अधिकारी के पास में जाएगी। जिला समाज कल्याण विभाग भी इसे बायोमीट्रिक सत्यापन के बाद ही अनुमोदित कर सकेंगे। इसके बाद छात्रवृत्ति सीधे छात्र-छात्राओं के खाते में ही जाएगी।

 

बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण से एक व्यक्ति के कई बार आवेदन की संभावना भी खत्म होगी। इससे धोखाधड़ी व पहचान की चोरी की संभावना भी कम होगी। बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण के लिए छात्रों को अपने दस्तावेजों के साथ संस्थान में भी जाना होगा। जो छात्र प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे उन्हें उनके बैंक खाते में छात्रवृत्ति राशि भी मिल जाएगी।

 

ऐसा भी होता रहा है कि प्रधानाचार्य व प्राचार्य छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिए हस्ताक्षर कर देते हैं, लेकिन किसी मामले में गड़बड़ी पर इससे इन्कार ही कर देते हैं। ऐसा न हो इसके लिए प्रधानाचार्य पहले अधिकृत होने का प्रमाण भी देंगे। जिनके बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण के बाद वह छात्रवृत्ति की सूची अनुमोदित भी कर सकेंगे। – गीताराम नौटियाल, निदेशक, समाज कल्याण विभाग