नैनीताल नगर के प्राणी उद्यान की तर्ज पर अब नैनापीक जाने वालों को प्लास्टिक की पानी की बोतल, चिप्स और प्लास्टिक के पैकेट ले जाने से पहले प्रवेश द्वार पर उनका शुल्क भी जमा करना होगा।

नैनीताल नगर के प्राणी उद्यान की तर्ज पर अब नैनापीक जाने वालों को भी प्लास्टिक की पानी की बोतल, चिप्स और प्लास्टिक के पैकेट ले जाने से पहले प्रवेश द्वार पर उनका शुल्क भी जमा करना होगा।

 

रजिस्टर में दर्ज सामान के सापेक्ष खाली बोतल और प्लास्टिक के खाली पैकेट वापस दिखाने पर ही जमा शुल्क वापस भी किया दिया जाएगा। यदि ले जाई गई प्लास्टिक की बोतलें और पैकेट वापस नहीं किए तो विभाग की ओर से चालानी कार्रवाई भी की जाएगी।

 

नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी नैनापीक में घूमने के दौरान कूड़ा फैलाना लोगों को महंगा भी पड़ सकता है। नैनापीक के जंगल में सफाई के दौरान कई कट्टे प्लास्टिक की बोतलें और पन्नी मिलने के बाद वन विभाग ने ये सख्ती शुरू कर दी है।

 

वन विभाग के नए नियमों के अनुसार अब नैनापीक घूमने जाने वालों को गेट में एंट्री के दौरान टिकट लेने के साथ ही रजिस्ट्रर में ले जा रहे प्लास्टिक की पन्नी और बोतलों की भी एंट्री करानी होगी। साथ ही पन्नी और प्लास्टिक की बोतल साथ ले जाने पर रजिस्टर में सामान की एंट्री के साथ शुल्क भी जमा करना होगा। वहीं वापसी खाली रेपर दिखाने पर ही शुल्क वापस किया जाएगा, अन्यथा चालान ही होगा।

 

वन क्षेत्राधिकारी प्रमोद तिवारी ने बताया यह व्यवस्था बीते रविवार से शुरू की जा चुकी है। इससे जंगल में प्लास्टिक फैलने पर भी रोक लगेगी। साथ ही नैना पीक के जंगल में घूमने वालों को साफ-सफाई भी मिलेगी। पूर्व में यह व्यवस्था जू में की गई है।