निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की तैनाती हो सकती है, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसके लिए जिला प्रशासन को लिखा पत्र I

निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की तैनाती भी हो सकती है। कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसके लिए जिला प्रशासन को पत्र भी लिखा है। एनएचआईडीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से अभी जवाब नहीं मिला है।

 

पिछले वर्ष 12 नवंबर को भूस्खलन के चलते 41 मजदूरों के फंसने से सुरंग सुर्खियों में भी रही थी। हाल में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने करीब दो महीने बाद एनएचआईडीसीएल को हादसे के बाद से बंद सुरंग निर्माण को शुरू करने की अनुमति दी है।

 

इसके बाद एनएचआईडीसीएल ने निर्माण की तैयारी भी शुरू कर दी है। इसके लिए पहले सुरक्षा पुख्ता करने के साथ सुरंग में जमा पानी को डी-वाटरिंग करने और सिलक्यारा मुहाने के पास आए मलबे को हटाने की भी योजना बनाई जा रही है। बीते शनिवार को सुरंग के पोलगांव बड़कोट छोर से डी-वाटरिंग चालू कर दी गई है।

 

यहां पहले से भी सुरक्षा को लेकर यह काम किया जा रहा था। लेकिन, अब निर्माण शुरू करने के लिए यह काम तेजी से भी किया जा रहा है। हालांकि सिलक्यारा वाले छोर पर भूस्खलन के दौरान आए मलबे से डी-वाटरिंग चालू ही नहीं हो पाई है। अधिकारियों का कहना है कि डी-वाटरिंग तो रेस्क्यू के लिए डाले गए पाइपों से अंदर घुसकर चालू की जाएगी, लेकिन इसमें अभी भी समय लग सकता है।

 

एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि सुरक्षा के लिए यहां एनडीआरएफ या एसडीआरएफ की एक टीम तैनात करने की योजना भी है। इसके लिए डीएम को पत्र भी लिखा गया है। हालांकि उनकी ओर से अभी कोई जवाब नहीं आया है।