कोतवाली डोईवाला देहरादून पुलिस द्वारा योजना बनाकर ATM मे नये तरीके से जालसाजी कर चोरी करने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह के 04 अभियुक्तों को किया गिरफ्तार I

मास्टर चॉबियां तथा ATMकार्ड के साथ किया गिरफ्तार”

प्रभारी निरीक्षक डोईवाला को निजी सूचना तन्त्र के माध्यम से जानकारी हुयी कि 02 कार, जिसमे एक कार हरियाणा और दूसरी कार दिल्ली नम्बर की है, उसमे कुछ लडके है, जो एटीएम मे जालसाजी कर रूपयो की चोरी कर रहे है । उक्त सूचना पर प्रभारी निरीक्षक द्वारा पुलिस टीम को भलि-भांति ब्रीफ कर आवश्यक आदेश-निर्देश देकर सौंग नदी पुल डिग्री कालेज डोईवाला पर संदिग्ध व्यक्तियो/वाहनो की चौकिंग के लिए भेजा गया। पुलिस टीम को चौकिंग के दौरान वाहन दिखायी दी, जिसको रोककर चौक किया तो कार मे 04 व्यक्ति सवार थे, मौके पर वाहन की तलाशी लेने पर उक्त कार के डैशबोर्ड से 270000/- रू0 मिले, उक्त रूपयो के सम्बन्ध मे इन लोगो से विस्तृत/गहनता से पूछताछ की गयी तो बिना कोई संतोषजनक उत्तर दिये इधर-उधर की बाते करने लगे, जब उक्त व्यक्तियो से सख्ती से पूछताछ की गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि उपरोक्त सभी लोग दिल्ली के निवासी है, और हम ATM में काली पट्टी लगाकर जालसाजी से लोगो के पैसे चुरा लेते है। हमने डोईवाला क्षेत्र मे 05 एटीएम मे जालसाजी कर ATM  मे काले रंग की फाईबर की पट्टी लगाकर उक्त धनराशि चोरी की है । अभियुक्तो से ATM मे इनके द्वारा लगाने वाली काली पट्टी, ATM खोलने के लिए 04 चॉबी और 05 एटीएम कार्ड व 270000/- रू0 नगद बरामद हुए। अभि0गण से ATM मे की गयी चोरी से बरामद रूपये व चोरी मे प्रयोग करने वाले संसाधन/वाहन बरामद होने पर अभि0गण को नियमानुसार गिरफ्तार किया गया। उक्त गिरफ्तारी व बरामदगी होने पर थाना डोईवाला पर IPC बनाम पंजीकृत किया गया।

अभियुक्तगण द्वारा अपराध करने का तरीका व पूछताछ का विवरण –

पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि वे सभी दिल्ली के निवासी है, और उत्तराखण्ड मे घूमने के बहाने आकर एकान्त मे स्थित गार्ड रहित ATM मे जाकर पहले रैकी करते है और मौका देखकर ATM मे रूपये निकासी वाले स्थान पर एक काले रंग की 9-10 इन्च लम्बी और 2 इन्च चौडी काले रंग की फाईबर की पट्टी लगा देते है, जिससे कोई व्यक्ति जब एटीएम से रूपये निकालता है तो रूपये उसके खाते से तो कट जाते है पर ATM से बाहर नही आ पाते और ATM मे ही फंस जाते है। अभियुक्तो मे से एक व्यक्ति ATM के अन्दर बने केबिन मे पहले से ही छुपा रहता है और रूपये निकालने वाले व्यक्ति के बाहर जाते ही अपने पास उपलब्ध मास्टर-की (नकली चॉबी) से ATM खोलकर ATM मे फंसे रूपये निकाल लेता है और उसके बाद पुनः उक्त काली पट्टी ATM के रूपये निकासी वाले स्थान पर लगा देता है। शेष अभियुक्त ATM के बाहर रहकर आने-जाने वालो पर नजर रखते है।

गैंगलीडर/सरगना द्वारा पूछने पर बताया की मैं 10 वी पास हूँ और मेरा दिल्ली में CSC सेंटर है,  वर्ष 2010-11 मे मैं दिल्ली में ATM मे कैश डालने वाली कम्पनी ब्रिगंस आर्या मे काम करता था । जिस कारण मुझे ATM मशीन खोलने व बन्द करने की जानकारी है । मेरे दिमाग मे आया कि यदि ATM मशीन मे जहां स्थान से रूपये मशीन से बाहर आते है, उसे किसी चीज से बन्द किया जाये तो जैसे ही कोई व्यक्ति पैसे निकालने ATM मे आयेगा तो उसके पैसे बाहर नही आयेगे और वह मशीन के अन्दर ही रह जायेगे और तब हम उन्हे ले सकते है । एक बार मै राजस्थान गया था तो वहां मुझे ATM मे एक चाबी मिली, जिसे मैने ले लिया। उसके बाद उसी कम्पनी की ATM मशीन मैने ढूंढी और उस पर मैने वो चाबी लगायी तो वह खुल गया। उसके बाद मैने छब्त् कम्पनी व डायवोर्ड कम्पनी के ATM मशीन की चॉबिया तैयार कर ली और पैसे निकालने शुरू किये। शुरू मे मैने दिल्ली से पैसे निकाले, और उसके बाद मैने सोचा की यदि मै लगातार दिल्ली में पैसे निकालूगा तो पकड़ा जाऊंगा, तो मैने अपना एक गैंग बनाया और मैंने यह काम अपने गैंग के अन्य साथियों को भी सिखाया। उक्त काम को मैं करीब तीन-चार साल से कर रहा हूं,  हमने अब तक दिल्ली, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में इस तरह की घटनाएं की हैं। उक्त घटना उत्तराखंड में हमने पहली बार की है, हम लोग योजना के मुताबिक महीने के द्वितीय शनिवार, रविवार और चतुर्थ शनिवार, रविवार को, जब बैको की छुट्टी होती है, तब दिल्ली से निकलते हैं और बैंक की 2 दिन की छुट्टी होने के कारण 2 दिनों तक एटीएम में इस तरह से पैसे निकालते हैं, हमने डोईवाला मे दिनांक 08/09/23 को 05 अलग अलग ATM मे उक्त फाईबर की काली पट्टी लगायी थी, ताकि जिनके पैसे निकले वह छुट्टी होने के कारण बैंक में न जा सके। दिनांक 7/9/23 की रात्रि में मैं अपने साथीयो के साथ गाड़ी स्विफ्ट डिजायर से दिल्ली से हरिद्वार, ऋषिकेश होते हुए 08/09/23 की सुबह डोईवाला पहुंचा, हमारे साथी जो की पूर्व में ही दो-तीन दिन पहले ऋषिकेश टिहरी गढ़वाल क्षेत्र में आए थे, वे हमें डोईवाला में मिले। इसके पश्चात हमने डोईवाला और ऋषिकेश क्षेत्रान्तर्गत एटीएम में पट्टी लगाकर धनराशी निकालने की योजना बनाई, हमने दो टीमों में कार्य किया, जिसमें मैनें, नवाब और सुनील ने डोईवाला के चार- पांच एटीएम में 8 तथा 9 तारीख में पट्टी लगाकर भिन्न भिन्न व्यक्तियों की धनराशी निकाली और इसी प्रकार हनी, सौरभ और शिवम ने ऋषिकेश क्षेत्र में (1) IDBI (2) SBI (3) UKO (4) ICICI (5) YES BANK एटीएम में इस तरह की घटनाओं का अंजाम दिया। हम लोग अपने पास भिन्न बैंकों के एटीएम भी रखते हैं और कम जानकार लोगों को बातों में उलझाकर इनसे एटीएम भी बदल लेते हैं और बाद में बदले गए एटीएम से धनराशी निकाल लेते हैं, इस तरह हमारे द्वारा कुल मिलाकर लगभग 3 लाख से अधिक की धनराशि निकाल ली गई थी, जिसमे से कुछ हमारे द्वारा शराब व खाने-पीने आदि मे खर्च कर दी गई है तथा कुछ धनराशि हमारे साथी सौरभ व नवाब के पास है, जो दूसरी गाड़ी स्विफ्ट डिजायर  के द्वारा यहां से निकल गए हैं। जो एसेन्ट कार हमारे पास है, वो हनी की है जो कुछ समय पूर्व ही इसके द्वारा खरीदी गयी थी, हम किसी भी घटना को अंजाम देने में उपरोक्त दोनों वाहनो का इस्तेमाल करते हैं।

आज भी हमारे द्वारा दोबारा डोईवाला मे चार-पांच एटीएम में काले रंग की पट्टी लगाकर रखी गयी थी, जिन्हे हम निकालने के लिए जा रहे थे, तभी पुलिस ने हमे पकड़ लिया।