काठगोदाम क्षेत्र से 51 दिन पहले लापता हुए छात्र का सड़ा-गला शव शीतला देवी मंदिर के पास गधेरे से बरामद हुआ, 51 दिन पहले स्कूल के लिया निकला था छात्र

काठगोदाम क्षेत्र से 51 दिन पहले लापता हुए छात्र का सड़ा-गला शव शीतला देवी मंदिर के समीप गधेरे से बरामद हुआ है। छात्र स्कूल की ड्रेस ही पहने पड़ा था। स्वजनों ने छात्र की हत्या की आशंका भी जताई है। पुलिस की जांच पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर ही टिकी हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चल पाएगा कि छात्र की मौत कब व कैसे हुई थी।

 

मूलरूप से ग्राम पोखरी, पुटगांव, तहसील धारी निवासी सुभाष चंद्र दुम्का का बेटा भाष्कर 15 वर्षी शिवपुरी जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा में अपने फूफा मोहन सनवाल के घर पर ही रहता था। भाष्कर आवास विकास में स्थित एक प्राइवेट स्कूल में कक्षा 9वीं का छात्र था। 17 फरवरी को वह घर से स्कूल के लिए निकला था लेकिन तब से घर ही नहीं लौटा। देर शाम तक परिवारजन उनकी तलाश भी करते रहे। इसके बाद काठगोदाम थाने में गुमशुदगी भी दर्ज कराई।

 

पुलिस जांच में छात्र अंतिम बार शीतला मंदिर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में भी दिखाई दिया। 51 दिन बाद बीते सोमवार को जंगल में घास काटने गई महिला ने गधेरे में किशोर का शव पड़ा होने की सूचना पुलिस को भी दी । पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया व मोर्चरी लाई। परिजन ने शव की शिनाख्त भाष्कर के रूप में भी की।

काठगोदाम क्षेत्र से 51 दिन पहले लापता छात्र
काठगोदाम क्षेत्र से 51 दिन पहले लापता छात्र

भाष्कर के ताऊ चंद्र दत्त दुम्का और चाचा विवेक दुम्का का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती। लापता बालक को ढूंढने में दिलचस्पी ही नहीं दिखाई। आरोप लगाया कि पुलिस ने भाष्कर को खोज रहे दमुवाढूंगा चौकी इंचार्ज को जांच टीम से भी हटा दिया था। दो सिपाही के भरोसे ही हमारे बच्चे की तलाश की जा रही थी। उन्होंने छात्र के साथ अंतिम बार दिखे 2 बच्चों पर हत्या का शक भी जताया है। साथ ही बच्चों के परिजन पर धमकाने का आरोप भी लगाया है।

 

बीते सोमवार दोपहर 2 बजे भाष्कर का शव बरामद हो गया था। पुलिस शव को रात 8 बजे मोर्चरी लेकर पहुंची। बीते मंगलवार सुबह 7 बजे भाष्कर के परिवारजन और रिश्तेदार मोर्चरी पहुंच गए थे। उधर पुलिस ने दोपहर 12:30 बजे तक पंचनामा ही नहीं भरा था। दोपहर करीब पौने एक बजे सिपाही पंचनामा लेकर पहुंचा। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम भी शुरू हुआ। परिजनों का कहना था कि उन्होंने 20 किलोमीटर दूर भी जाना है। शव देने में काफी देर भी की गई।

 

भाष्कर के लापता होने के बाद उसके स्वजन रुद्रपुर, हल्द्वानी से लेकर अल्मोड़ा तक तलाश भी करते रहे। चाचा विवेक दुम्का का कहना है कि इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई। कमिश्नर दीपक रावत से मिले। कहा कि प्रशासनिक अमला व पुलिस उनकी मदद करती तो उनका बेटा आज जिंदा होता।

 

51 दिन बाद लापता 15 वर्ष के छात्र का शव मिला है। परिजन सवाल उठा रहे हैं कि जहां पुलिस बता रही है, वहां पर वह क्या अकेले गया था। 51 दिन से पानी में रहने के बाद भी शव इस हालत में कैसे था। मोर्चरी में पहुंचे परिजन का कहना था कि शव 20 दिन पुराना भी हो सकता है। पुलिस चाहती तो भाष्कर को सकुशल बरामद भी किया जा सकता था। भाष्कर अपने घर का इकलौता ही बेटा था। उसकी दो और छोटी बहने हैं। अच्छी पढ़ाई कराने का सपना देखकर माता-पिता ने बेटे को पढ़ने के लिए हल्द्वानी में भेज दिया था। माता-पिता का कहना है कि उन्हें ऐसा पता होता तो वह उसे हल्द्वानी में पढ़ने नहीं भेजते।

 

एसपी क्राइम हरबंस सिंह ने कहा इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है। अब सिर्फ पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच भी की जाएगी।