उत्तर प्रदेश से भी कठोर होगा उत्तराखंड का संपत्ति क्षति वसूली कानून, कल विधानसभा में किया जाएगा पेश

उत्तराखंड लोक और निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक उत्तरप्रदेश में लागू कानून से भी कठोर होगा। इसके लिए गृह विभाग में मंथन लगभग पूरा भी हो चुका है। बताया जा रहा है कि इसमें उत्तरप्रदेश के कानून से कुछ अलग ही बड़े बदलाव भी किए गए हैं। इस विधेयक को कल बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश भी किया जाएगा। इस कानून के प्रदेश में लागू होने के बाद प्रदर्शन व दंगा आदि गतिविधियों के वक्त संपत्तियों को होने वाले नुकसान की भरपाई भिओ अब आसान हो जाएगी।

 

बता दें कि उत्तरप्रदेश व हरियाणा जैसे प्रदेशों में इस तरह के कानून पहले से ही लागू हैं। जबकि, उत्तराखंड में सरकारी संपत्तियों को नुकसान होने पर लोक संपत्ति विरुपण कानून ही अस्तित्व में ही है। लेकिन, इससे दंगाइयों व तोड़फोड़ करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई भी नहीं की जा सकती है। ऐसे में पिछले दिनों बनभूलपुरा में हुई घटना के बाद सरकार ने प्रदेश में एक सशक्त कानून को लागू करने की योजना भी बनाई थी। इसके लिए जिम्मेदार विभागों ने उत्तरप्रदेश और अन्य प्रदेशों में लागू कानूनों का अध्ययन भी किया है। गृह विभाग ने भी बीते मंगलवार को इस पर मंथन पूरा कर लिया। बताया जा रहा है कि इस कानून में कुछ नियम कायदे उत्तरप्रदेश में लागू कानून से कठोर ही होंगे।

 

बता दें कि दंगा और प्रदर्शन आदि के वक्त संपत्ति की भरपाई के लिए विभाग या व्यक्ति विशेष को तीन महीने के भीतर दावा पेश करना होगा। यह दावा सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता बनने वाले विभिन्न दावा अभिकरणों में भी किया जा सकेगा। आरोप तय होने पर संबंधित व्यक्ति को क्षतिग्रस्त संपत्ति की भरपाई एक महीने के भीतर करनी होगी। इसमें मृत्यु और अंग भंग होने जैसी स्थितियां शामिल की जाएंगी। इस विधेयक को अब बृहस्पतिवार को विधानसभा में पेश भी किया जाएगा।

 

उत्तर प्रदेश गिरोहबंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप (गैंगस्टर एक्ट) संशोधन विधेयक 2024 बीते मंगलवार को विधानसभा में पेश किया गया। इस विधेयक में कुछ स्पेशल एक्ट और जोड़े गए हैं जिनसे आदतन अपराधियों पर शिकंजा भी कसा जा सकेगा। इसमें नए नकल कानून, आईटी एक्ट, बड्स एक्ट और चिट फंड एक्ट आदि को शामिल किया गया है। यानी अब ऐसे अपराधी जिनके खिलाफ इन अपराधों में मुकदमे दर्ज हैं उन पर भी गैंगस्टर एक्ट लगाया जा सकेगा।