हल्द्वानी में इंटरनेशनल ड्रग डीलर पकड़ा गया, अमेरिका में करता था करोड़ों का कारोबार; जानें क्या मामला
अमेरिका से जमानत पर छूटकर आए हल्द्वानी के इंटरनेशनल ड्रग्स माफिया बनमीत नरूला के पीछे कई दिनों से ईडी भी लगी थी। भारत आने के बाद वह कहां गायब हो गया इसका पता लगाने के लिए भी ईडी लंबे समय से हल्द्वानी में ही डेरा डाले हुए थी। सूत्रों के अनुसार 2 दिन पूर्व घर पहुंचते ही ईडी बनमीत को जांच के लिए अपने साथ ही ले गई। इसके बाद उसे गिरफ्तार भी कर लिया।
अमेरिका से जमानत मिलने के बाद बनमीत भारत में आ गया था। ईडी को जब इसकी जानकारी लगी तो वह बनमीत को खोजने में ही लग गई। बनमीत को पकड़ने के लिए ईडी ने पिछले माह हल्द्वानी में उसके घर में छापा भी मारा था। इस दौरान ईडी उसके भाई परविंदर सिंह को गिरफ्तार करके भी ले गई। सूत्रों के अनुसार बनमीत ने अपने भाई से संपर्क भी किया था। इसके बाद ईडी को पता चला कि बनमीत हल्द्वानी में आने वाला है। टीम उसके घर के आस-पास रहकर निगरानी भी रख रही थी।
बनमीत 12 वर्ष पहले हल्द्वानी छोड़कर बाहर चला गया। इसके बाद शादी के लिए शहर में लौटा। शादी के बाद वह विदेश में रह रहा था। हल्द्वानी छोड़ने से पहले ही उसने अपने भाई के साथ मिलकर रुद्रपुर सिडकुल में फार्मा फैक्टरी की शुरुआत भी की थी। बनमीत सिंह की शिक्षा हल्द्वानी के निजी स्कूल से ही पूरी हुई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नकली दवाएं बनाने के चलते सिडकुल स्थित उसकी फैक्टरी को बंद ही कर दिया गया। बनमीत का परिवार हल्द्वानी के प्रतिष्ठित परिवारों में शामिल भी है। उसके पिता सुरजीत सिंह नरूला पूर्व में पहलवान रहने के साथ-साथ आयरन मैन ऑफ कुमाऊं का खिताब भी अपने नाम कर चुके हैं। वहीं उनकी पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं व कॉलोनी में ही डेंटल क्लीनिक चलाती हैं।
जनवरी माह, वर्ष 2023 में जब बनमीत ने अमेरिका में ड्रग तस्करी को लेकर अपना जुर्म भी स्वीकार किया था। इसके बाद हल्द्वानी में उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला जाने लगा। नैनीताल जिले में उसका आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज नहीं है। बताते हैं कि जुर्म स्वीकार करने के बाद जांच एजेंसी सीबीआई उसके घर पर पहुंची थी।
बनमीत के भाई परविंदर सिंह पर मादक पदार्थों की तस्करी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह को संचालित करने सहित अन्य आरोप होने की बात सामने आई थी। सूत्रों का कहना है कि ऐसा आरोप है कि परविंदर सिंह ऑर्गेनाइजेशन नामक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह भी चलाता है और उसने डार्क वेब का इस्तेमाल कर मादक पदार्थ भी बेचे थे। उन्होंने दावा किया कि मादक पदार्थ की बिक्री से मिली रकम क्रिप्टो करेंसी के जरिए एकत्रित भी की गई।
परमिंदर नरूला के ई-वॉलेट से ईडी ने 268 बिटकॉइन जब्त भी किए थे। नरूला बंधुओं पर अमेरिका व दुबई में रहकर डॉर्क वेब मार्केट पर प्रतिबंधित दवाओं व ड्रग्स तस्करी का आरोप है।