रील बनाने के लिए जंगल में ही आग लगा दी, डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कुछ लोगों की मानसिकता खराब हो चुकी है
जंगल में जान बूझकर आग लगाने के मामले में पुलिस ने करीब 10 मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 6 अज्ञात हैं। वन विभाग ने 351 मुकदमे दर्ज किए हैं, जिसमें 290 अज्ञात और 61 नामजद मुकदमे हैं। पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के मुताबिक, वन पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम ऐसे लोगों की पहचान भी कर रही है।
डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा, कुछ लोगों की मानसिकता इतनी खराब हो चुकी है कि रील बनाने के लिए जंगल में ही आग लगा दी। ऐसे एक मामले में मुकदमा भी दर्ज किया गया है। वहीं मुख्य सचिव ने कहा, सरकार उन गांवों को पुरस्कृत भी करेगी, जहां ग्रामीणों ने अपने गांवों को जंगल की आग से बचाने का काम भी किया है। वनाग्नि प्रबंधन समिति के तहत भी पुरस्कार की व्यवस्था भी की गई है।
उत्तराखंड में जंगल की आग बेकाबू हो गई है। गढ़वाल से कुमाऊं तक बीते सोमवार को 20 जगह जंगल धधके, जिससे 52 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र भी जल गया। गढ़वाल में सबसे अधिक 10 व कुमाऊं में 9 घटनाएं हुई हैं।
आग पर काबू पाने के लिए एनडीआरएफ के साथ ही एयरफोर्स की मदद भी ली जा रही है। हेलिकॉप्टर से 2 राउंड में लगभग 5 हजार लीटर पानी का छिड़काव भी किया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया, हेलिकॉप्टर से आग बुझाने का अभियान अभी भी जारी रहेगा। वहीं, कृत्रिम बारिश के लिए तकनीकी संस्थाओं को प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
जंगलों की आग की उत्तराखंड में अब तक 930 घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे 1,196 हेक्टेयर से अधिक जंगल भी जल चुका है। सबसे अधिक 491 घटनाएं कुमाऊं व 365 घटनाएं गढ़वाल में हुईं, जबकि 74 मामले वन्य जीव क्षेत्र के भी हैं। बेकाबू हो चुकी आग से अब तक 5 लोगों की मौत और चार लोग झुलस भी चुके हैं। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक, संवेदनशील जिलों में जरूरत पड़ने पर पुलिस, पीएसी, होमगार्ड व पीआरडी के जवानों की भी मदद ली जाएगी।
कहा, महिला व युवक मंगल दलों के साथ ही स्वयं सेवी संस्थाओं को भी आग बुझाने में फायर वाचर के रूप में सहयोग भी लिया जाएगा। जंगलों में आग की रोकथाम के लिए खरपतवार व कूड़ा जलाने पर भी रोक लगा दी गई है। जंगलों में आग लगाने वालों से सख्ती से निपटा भी जा रहा है। अब तक 383 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया, जिसमें 315 अज्ञात व 60 नामजद लोग शामिल हैं।
प्रदेश में भूमि संरक्षण रानीखेत वन प्रभाग में 1, बागेश्वर वन प्रभाग में 4, तराई केंद्रीय और प्रभाग में 1, रामनगर वन प्रभाग में 3, मसूरी वन प्रभाग में 3, चकराता वन प्रभाग में 1, लैंसडोन वन प्रभाग में 1, भूमि संरक्षण लैंसडोन वन प्रभाग में 2, भूमि संरक्षण अलकनंदा वन प्रभाग में 1, राजाजी टाइगर रिजर्व में आग की 1 और 2 अन्य घटनाएं हुई है।