रानीखेत में जंगल की आग सेना के अस्पताल के पास पहुंच गई, धुआं अस्पताल के सभी कक्षों में भर गया, इससे मरीज और चिकित्सा कर्मी बेहाल रहे

जंगलों में आग लगने की घटनाएं तो थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। रानीखेत में जंगल की आग सेना के अस्पताल के पास तक ही पहुंच गई। जंगल से उठने वाला धुआं अस्पताल के सभी कक्षों में भी भर गया, इससे मरीज व चिकित्सा कर्मी भी बेहाल रहे। उधर, बग्वालीपोखर में जंगल की आग जीआईसी तक ही पहुंच गई। विद्यालय की सुरक्षा को देखते हुए छुट्टी के बाद घर जा रहे शिक्षक व बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थी रास्ते से ही लौटे लेकिन विद्यालय में लंबे समय से जलापूर्ति ही ठप होने से उन्हें आग बुझाने के लिए पानी तक ही नहीं मिला। किसी तरह उन्होंने अपना जीवन खतरे में डालकर आग को बुझाया।

 

रानीखेत में बीते शनिवार देर शाम सेना के अस्पताल के पास जंगल में आग लग गई। कुछ देर बाद ही जंगल की आग अस्पताल के करीब तक पहुंच गई, इससे मरीजों व चिकित्सा कर्मियों में भय का माहौल रहा। अस्पताल परिसर व कक्षों में धुआं फैलने से सभी परेशान रहे। सूचना के बाद फायर कर्मियों की टीम भी मौके पर पहुंची व सेना के जवानों के साथ मोर्चा संभाला। कुछ देर में ही दमकल वाहन में पानी ही खत्म हो गया लेकिन आग नहीं बुझ सकी। सेना के वाहनों से पानी मंगाकर फायर कर्मियों व जवानों ने 2 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू भी पाया।

 

वहीं, शनिवार देर शाम गोल्फ ग्राउंड के पास जंगल में फिर से आग भड़क गई जो रानीखेत-अल्मोड़ा हाईवे के करीब भी पहुंच गई। जंगलों से उठने वाला धुआं हाईवे पर भी फैल गया, इससे जाम भी लग गया। वाहनों व यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए हाईवे पर आवाजाही भी रोकनी पड़ी। यात्रियों व वाहन चालकों को धुआं छटने का इंतजार ही करना पड़ा। 1 घंटे बाद आवाजाही शुरू हुई व यात्री, वाहन चालक गंतव्य को रवाना भी हो सके। अग्निशमन अधिकारी वंश नारायण यादव ने कहा कि दोनों जगह टीम भेजकर आग भी बुझाई गई।

 

वही रविवार देर शाम रानीखेत के वलना में सेना के फायरिंग रेंज के पास जंगल में आग लग गई। सूचना के बाद फायर सर्विस की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू भी पा लिया, इससे आग पूरे जंगल में फैलने से भी बच गई। वहीं, लमगड़ा के जसकोट में जंगल की आग बीएसएल टॉवर व आसपास बने घरों के पास भी पहुंच गई। ऐसे में ग्रामीण दहशत में भी रहे।

 

सूचना के बाद फायर सर्विस व वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू भी पाया। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी महेश चंद्रा ने कहा कि टीम तत्परता से जंगलों की आग को बुझा भी रही है। बीते शनिवार रात को पाटी ब्लॉक के वालिक, गर्सलेख, मूलाकोट क्षेत्र के जंगलों में भी आग लग गई। एक जगह लगी आग धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में ही फैल गई। गरमपानी में कनवाड़ी की पहाड़ी में जंगल की आग भी धधकी रही।

 

 

कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर कुमारहट्टी व बड़ोग के जंगलों फिर आग भड़क गई। इस कारण 5 ट्रेनें भी लेट हो गईं। शिमला जाने वाली ट्रेन को 2 घंटे तक कुमारहट्टी रेलवे स्टेशन पर ही रोकना पड़ा। जबकि डाउन की एक ट्रेन को बड़ोग रेलवे स्टेशन पर करीब 2 घंटे रोके रखा। आग लगने की सूचना मिलते ही रेलवे बोर्ड व अग्निशमन विभाग को मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास किया। रात 8 बजे तक भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। अंबाला के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यक प्रबंधक नवीन कुमार ने कहा कि कालका-शिमला ट्रैक के साथ जंगल मे रोजाना ही आग लग रही है। रेलवे बोर्ड की टीम मौके पर आग बुझाने के लिए तैनात भी की गई है।