राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रास वोटिंग करने वाले हिमाचल के 8 विधायक देर रात उत्तराखंड पहुंचे, कयासों ने फिर से पकड़ा जोर

हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने वाले कांग्रेस के विधायकों सहित 8 विधायक ऋषिकेश के निकट होटल ताज में पहुंचे।

 

विधायकों से अभी तक प्रदेश के किसी बीजेपी नेता ने मुलाकात भी नहीं की है। विधायकों के उत्तराखंड पहुंचने पर पुलिस और खुफिया विभाग सक्रिय भी हो गया है।

 

बीते शुक्रवार को हिमाचल के 8 विधायक सायं पौने तीन बजे चार्टड प्लेन से देहरादून हवाई अड्डे पर उतरे, जहां से ये सभी सड़क मार्ग से ऋषिकेश से लगभग 30 किमी दूर बदरीनाथ राजमार्ग पर स्थित होटल ताज में पहुंचे।

 

विधायकों के यहां पहुंचने की सूचना से पुलिस और प्रशासन भी चौकन्ना हो गया। फिलहाल बीते शुक्रवार देर सायं तक होटल में प्रदेश के किसी नेता व स्थानीय नेताओं ने हिमाचल के विधायकों से अब तक मुलाकात ही नहीं की थी।

 

पिछले दिनों राज्यसभा चुनाव में हिमाचल में कांग्रेस के 6 विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग भी कर दी थी। क्रास वोटिंग करने विधायकों में धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा, कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो, गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा, लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर व बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल भी शामिल है।

 

बताया जा रहा है कि इनके साथ होटल में बीजेपी विधायक बिक्रम ठाकुर और त्रिलोक जम्वाल भी ठहरे हुए हैं। क्रास वोटिंग के बाद भी दोनों दलों के उम्मीदवारों को 34-34 वोट भी मिले थे, जिसके बाद टास से ही विजेता प्रत्याशी का फैसला भी हुआ था।

 

हिमाचल प्रदेश में एक राज्यसभा सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को पराजित भी किया। क्रास वोटिंग के बाद से ये सभी विधायक पंचकुला के एक होटल में ही ठहरे थे। हिमाचलभी में कांग्रेस विधायकों के क्रास वोटिंग के बाद प्रदेश की राजनीति भी गरमाई हुई है।

 

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विधायक सुधीर शर्मा को एआइसीसी के सचिव पद से बर्खास्त कर दिया है। अब इन विधायकों के देवभूमि उत्तराखंड पहुंचने के बाद हिमाचल की राजनीति में क्या कुछ देखने को मिलता है, यह देखना रोचक भी होगा।

 

अयोग्य घोषित किए कांग्रेस के 6 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी है। अब सभी की नजर सुप्रीम कोर्ट पर ही टिकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही हिमाचल में राजनीतिक गतिविधि और भी तेज हो सकती है।

 

इस राजनीतिक घटनाक्रम से कांग्रेस को काफी नुकसान भी हुआ है। अब सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए सरकार ने काम भी शुरू कर दिया है। दो विधायकों को कैबिनेट रैंक भी दिया गया तो बोर्ड-निगमों में नियुक्ति की भी तैयारी चल रही है। एक सप्ताह में 3 बार मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर कई लोक लुभावन निर्णय भी लिए हैं।