मैं पहाड़ों कु रैबासी तू दिल्ली रौण वाली गीत की धूम, ऐसे आया इंग्लैंड में रह रहें लेखक को आइडिया…पार्ट-2 की भी अब तैयारी

मैं पहाड़ों कु रैबासी तू दिल्ली रौण वाली…यह गढ़वाली गीत इन दिनों लोगों के सिर चढ़कर भी बोल रहा है। जिसे उत्तरकाशी के ग्राम भेटियारा निवासी देश दीपक नौटियाल ने ही लिखा है। पेशे से इंजीनियर देश दीपक नौटियाल अब इस गीत का पार्ट टू लाने की तैयारी भी कर रहे हैं।

इसके अलावा वह देहरादून शहर और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर गीत लिख चुके हैं। भेटियारा गांव निवासी देश दीपक नौटियाल (33) वर्तमान में इंग्लैंड के कैंब्रिज स्थित एक मोबाइल चिप डिजाइन करने वाली कंपनी में कार्यरत भी हैं। देश दीपक नौटियाल ने बताया कि पहाड़ों कु रैबासी गाने का आइडिया उन्हें तब आया जब वह गांव से शहर व विदेश आए।

उस दौरान उन्हें लगा कि जिस शुद्ध हवा, पानी, स्विमिंग पूल और पिकनिक के लिए शहरवासी पैसे खर्च करते हैं, वह तो गांव में फ्री में ही हैं। इस गीत को हिंदी में लिखने की जगह उन्होंने बहुत सरल गढ़वाली में ही लिखा है। पहाड़ो कु रैबासी का पार्ट टू भी लाने पर अब काम चल रहा है।

उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और दादा-दादी को दिया। गीतकार देश दीपक नौटियाल ने पहाड़ों कु रैबासी गीत को ऊंचाइयां देने के लिए गायक सौरव मैठाणी की भी सराहना की है। उन्होंने बताया कि सौरव मैठाणी ने गीत को समझा है और बिल्कुल सरलता से भी गाया है।

इस गीत का जादू लोगों पर खूब चल रहा है। लगातार वायरल हो रही रील के कारण ये गाना सोशल मीडिया पर भी छाया हुआ है।