बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद कुछ लोगों ने धर्म की आड़ लेकर उत्तराखंड में बड़ी साजिश को अंजाम देने कोशिश की थी – डीजीपी

बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद कुछ लोगों ने धर्म की आड़ लेकर उत्तराखंड में ही बड़ी साजिश को अंजाम देने कोशिश भी की थी। इसके लिए एक संदेश प्रसारित भी किया गया था, जिसमें इसे धार्मिक रंग दिया जा रहा था। लेकिन, पुलिस की प्राथमिक जांच में ही सब साफ भी हो गया। हत्या की असल वजह का तो खुलासा नहीं हो पाया लेकिन, इसमें पंजाब के बड़े गिरोह का हाथ भी माना जा रहा है। यह जानकारी एनकाउंटर के बाद डीजीपी अभिनव कुमार ने ही दी।

 

डीजीपी ने कहा कि बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद कुल 7 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। कुछ के खिलाफ जांच भी चल रही है। उन्हें मारने के लिए बदमाश सुपारी देकर ही बुलाए गए थे। बाबा की हत्या के पीछे जमीन का लेनदेन होने की बात भी सामने आई थी, लेकिन असल वजह कुछ और ही हो सकती है। उन्होंने कहा कि पंजाब में लंबे समय से ड्रग्स माफिया, कबूतरबाजी करने वाले लोग व वित्तीय अपराध से जुड़े लोगों के गिरोह चल रहे हैं। इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि उनकी हत्या में इनमें से किसी गिरोह का काम हो। हालांकि, अभी पुलिस की जांच पूरी ही नहीं हुई है। जांच पूरी होने के बाद ही डीजीपी ने कुछ ठोस जानकारी देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि तमाम ऐसे पहलू हैं जिन पर पुलिस अभी काम कर रही है जल्द ही बड़ा खुलासा भी किया जाएगा।

 

इस मामले में डीजीपी ने किसी के नाम का खुलासा तो नहीं किया। लेकिन, कहा कि इसके पीछे किसी बड़े आदमी का ही हाथ हो सकता है। उसकी बाबा से अदावत भी हो सकती है या फिर कोई और वजह भी। इसकी जांच अभी की जा रही है। उन्होंने कहा कि असल साजिशकर्ताओं के नामों का खुलासा जल्द ही किया जाएगा।

 

कब-कब क्या-क्या हुआ

 

  • 19 मार्च 2024 को गुरुद्वारा की सराय में कमरा नंबर 23 में रुके हुए थे अमरजीत व सर्वजीत सिंह।
  • 28 मार्च 2024 की सुबह 6:15 पर बाबा तरसेम सिंह डेरे के बाहर कुर्सी पर बैठे थे। दो बाइक सवार ने बाबा पर गोलियां बरसाकर भाग निकले।
  • 28 मार्च 2024 को बाबा तरसेम की हत्या को लेकर डेरे से अस्पताल तक गुस्साए लोगों की भीड़ हुई इकट्ठा। पुलिस ने मामले का तत्काल खुलासा करने का भी दिया आश्वासन।
  • 29 मार्च 2024 को सीएम पुष्कर सिंह धामी नानकमत्ता कार सेवा डेरा पहुंचे। जत्थेदार बाबा तरसेम सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन भी किए।
  • 29 मार्च 2024 को पंजाब के सर्वजीत सिंह ने बाबा तरसेम सिंह की हत्या की जिम्मेदारी भी ली। फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर बाबा तरसेम सिंह पर गंभीर आरोप भी लगाए थे।
  • 29 मार्च 2024 को ही डीजीपी अभिनव कुमार ने मामले में एसआईटी गठित भी कर दी।
  • 30 मार्च 2024 को कोर्ट के आदेश पर दोनों शूटरों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी। दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया।
  • 3 अप्रैल को इनामी धनराशि 25 हजार से बढ़ा कर 50 हजार तक कर दिया गया।
  • 4 अप्रैल को साजिश रचने वालों में शामिल आरोपी दिलबाग सिंह, हरमिंदर सिंह उर्फ पिंडी, बलकार सिंह और अमनदीप सिंह उर्फ काला को गिरफ्तार किया गया।
  • 6 अप्रैल को परगट सिंह के अलावा शूटरों को हथियार उपलब्ध कराने वाले जसपाल सिंह भट्टी उर्फ मिंटू और सुखदेव सिंह गिल उर्फ सोनू गिल को गिरफ्तार किया गया।
  • 7 अप्रैल को हत्यारोपियों की इनामी धनराशि को 50 हजार से बढ़ा कर 1 लाख रुपये की गई।
  • 9 अप्रैल को एक हत्यारोपी को एसटीएफ व हरिद्वार पुलिस ने हरिद्वार के भगवानपुर में एनकाउंटर में भी मार गिराया।

मुठभेड़ में मारे गए बदमाश के पास से पुलिस ने 32 बोर का पिस्टल, 6 कारतूस और 1 बाइक बरामद की है। एसएसपी ने बताया कि दोनों बदमाश पुलिस पर फायरिंग करने से पहले बाइक छोड़कर ढाबे के पास खड़े वाहनों के पीछे जाकर ही छिप गए थे। इसके बाद बदमाशों ने फायरिंग भी शुरू कर दी थी।

 

बीते सोमवार रात बदमाशों से मुठभेड़ से पहले भगवानपुर क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस की गतिविधियां देख क्षेत्र के लोग एक बारगी भी सहम गए। लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई थी। लोगों को यह समझ ही नहीं आ रहा था कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस की गतिविधि के पीछे का आखिर कारण क्या है। रातभर लोग तरह-तरह के कयास भी लगाते रहे। जब मंगलवार सुबह बदमाश के मुठभेड़ में ढेर होने की जानकारी लगी तो लोगों ने तब राहत की सांस ली।