बनभूलपुरा के बाद अब इस इलाके में चलेगा बुलडोजर, नोटिस देने के बाद भी नहीं हटा अतिक्रमण, विरोध कर रहे है लोग

रेलवे प्रशासन के द्वारा 21 मार्च को रेलवे स्टेशन परिसर टनकपुर में अतिक्रमण को हटाया जाएगा। रेलवे ने कुछ समय पहले ही 5 लोगों को अतिक्रमण हटाने का नोटिस भी दिया था। तय अवधि में अतिक्रमण नहीं हटने पर अब रेलवे प्रशासन ने अतिक्रमण को हटाने का निर्णय भी लिया है। इधर वार्ड नंबर 3 व 4 के लोगों ने सीएम को ज्ञापन भेजकर न्याय की गुहार भी लगाई है।

 

इज्जतनगर बरेली रेलवे मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन परिसर में 5 लोगों की ओर से अतिक्रमण को किया गया है। यह मामला राज्य संपदा अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे के अधीन पीपीई एक्ट 1971 के तहत विचाराधीन भी था। यह भूमि भू राजस्व अभिलेख खतौनी मोहल्ला टनकपुर रेलवे के नाम पर दर्ज है। उन्होंने बताया कि राज्य संपदा अधिकारी न्यायालय ने 29 फरवरी को 15 दिन के भीतर रेलवे भूमि से अतिक्रतमण को हटाने का आदेश पारित किया था। उन्होंने बताया कि 21 मार्च को 5 स्थानों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी की जाएगी। इधर बीते सोमवार को रेलवे के सीनियर सेक्शन अधिकारी पीलीभीत नेहरू लाल मीणा के नेतृत्व में रेलवे के कर्मचारियों ने डुगडुगी से अतिक्रमण स्वयं हटाने के निर्देश भी दिए।

 

कहा कि अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो रेलवे प्रशासन बलपूर्वक ही अतिक्रमण हटाएगा। इधर दूसरी ओर वार्ड नंबर 3 और 4 के निवासियों ने कैंप कार्यालय के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजकर रेलवे प्रशासन पर उनके साथ अन्याय करने का आरोप भी लगाया है। कहा कि रेलवे प्रशासन जिसे अतिक्रमण की भूमि बता रहा है उस स्थान पर वह लोग 40 वर्ष से भी अधिक समय से रह रहे हैं। कहा कि साल 1960 में हुई बंदोबस्ती के समय यूपी सरकार के द्वारा रेलवे प्रशासन को 60 बीघा 3 बिस्वा भूमि भी आवंटित हुई थी। कहा कि वर्तमान में रेलवे उक्त भूमि को 400 बीघा भी बता रहा है। उन्होंने रेलवे प्रशासन पर उनका उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए न्याय दिलाने की मांग भी की है। ज्ञापन देने वालों में रविन्द्र, गौरव गुप्ता, दिलदार अली, विनोद शर्मा, लक्ष्मण प्रसाद, गोलू सरदार और समशुल आदि शाामिल रहे।

 

टनकपुर : शारदा बैराज के पास बनी अस्थायी दुकानों को एनएचपीसी प्रशासन से हटा ही दिया है। दुकान हटाने से संचालकों में हड़कंप भी मच गया। एनएचपीसी के जीएम राजील व्यास ने बताया कि एनएचपीसी बैराज मार्ग पर दो दर्जन से अधिक अस्थाई दुकानें भी लगी थीं। यहां बैराज में लगे पत्थरों को हटाकर खंभे लगाकर दुकानें भी लगाई जा रही हैं। जिससे बैराज को क्षति पहुंचने की संभावना भी है। खतरे को देखते हुए दुकानों को भी हटा दिया गया।