बनबसा के धस्माना अस्पताल के फार्मासिस्ट विजयपाल गंगवार व नर्स निशा हत्याकांड में 10 वर्ष बाद फैसला आया I

बनबसा के धस्माना अस्पताल के फार्मासिस्ट विजयपाल गंगवार व नर्स निशा हत्याकांड में 10 वर्ष बाद फैसला आया है। अस्पताल के संचालक आशीष धस्माना व ड्राइवर इदरीस अहमद को आजीवन करावास की सजा भी सुनाई गई है। विजय व निशा के परिजन 10 वर्ष से न्याय की आस भी लगाए बैठे थे। यह मामला सितंबर 2014 में खूब चर्चित भी हुआ था। चर्चा इसलिए क्योंकि हत्यारों ने बेरहमी व योजनाबद्ध ढंग से ऐसी जान ली जिसे सुनकर हर किसी की रूह तक कांप गई थी।

 

इंदिरा नगर इज्जतनगर बरेली निवासी निशा व न्यू सिद्धार्थनगर प्रेमनगर बरेली निवासी विजय बनबसा के धस्माना में साथ ही काम करते थे। उन्हें कभी आभास ही नहीं था कि जिस अस्पताल में वह सेवा दे रहे हैं वहां का संचालक ही इतना    क्रूर हो जाएगा कि उन्हें जान तक गंवानी पड़ेगी।

 

जब धस्माना पकड़ा गया तो उसने अस्पताल की बदनामी के पीछे एक डॉक्टर, निशा व विजयपाल को जिम्मेदार भी ठहराया था। वह डॉक्टर को अपने अस्पताल के चौपट होने का कारण भी मानता था। इदरीस ने अपने पैंटल फार्म हाउस में दोनों की हत्या की फिर शवों को बनबसा से करीब 33 किमी दूर नानकसागर डैम के किनारे में फेंका था। इतना ही नहीं सिर नानकसागर से 6 किमी दूर खकरा नाले में फेंके गए थे।

 

माह सितंबर, वर्ष 2014 की वे तारीखें

08 सितंबर 2014 : नानकसागर डैम में महिला व पुरुष की लाश मिलीं थी। एक बोरे में युवक का धड़ था तो दूसरे में दोनों के कटे हाथ थे।

09 सितंबर 2014 : घटनास्थल से 4 किमी दूर खकरा नाले से युवक-युवती के कटे सिर को बरामद किए गए। इन्हें काले रंग की दो पॉलीथिन में भी फेंका गया था। युवती का मुंडन भी किया गया था। कान भी काटे गए थे।

09 सितंबर 2014 : लापता लोगों का डाटा कलेक्ट करने के लिए एसओजी समेत 4 पुलिस टीमें यूपी के बरेली व पीलीभीत जनपद की खाक छानती रही।

10 सितंबर 2014 : पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैवानियत का पता भी चला था। धारदार हथियार से सिर व हाथ पैर काटे गए थे। तड़पा-तड़पा कर ली गई थी जान।

12 सितंबर 2014 : मृतक युवक का स्केच को जारी किया।

17 सितंबर 2014 : पुलिस ने इस मामले का खुलासा भी किया। बरेली से आए परिजनों ने शिनाख्त भी की। विजयपाल गंगवार के पिता ने नानकमत्ता पुलिस को तहरीर देकर धस्माना नर्सिंग होम के मालिक व स्टाफ की मिलीभगत से एक डॉक्टर पर हत्या का आरोप भी लगाया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और नामजद डॉक्टर सहित 3 संदिग्धों से भी की पूछताछ।

23 सितंबर 2014 : पुलिस ने आशीष धस्माना व वाहन चालक इरदीस अहमद को गिरफ्तार भी किया। दोनों ने जुर्म को कुबूल कर लिया। बेहोश करने के लिए प्रयुक्त की गई सुई व इंजेक्शन, छुरा व चापड़ भी बरामद किए गए।

 

ऐसे पकड़ा गया आशीष धस्माना

6 तारीख को आशीष धस्माना की लोकेशन बांध के पास ही मिली। 7 को फिर उसकी लोकेश वहीं पर मिली। 8 को भी वह वहीं पर घूमता रहा। चूंकि वह आदतन अपराधी नहीं था इसलिए अपराध बोध से परेशान होकर वह टूट भी गया। पुलिस की पूछताछ में उसने पूरी बात सामने ही रख दी।