फूलों से सजी आज देवभूमि में हर घर की देहरी, मुख्यमंत्री आवास में मना लोकपर्व का उत्सव, देखे तस्वीरें और विडियो

आज 14 मार्च से संक्रांति के साथ चैत्र मास की शुरुआत भी हो गई है। गढ़वाल-कुमाऊं में चैत्र माह की संक्रांति को मनाए जाने वाले बाल लोकपर्व फूलदेई को लेकर बच्चों में उत्साह भी बना है। सुबह से ही बच्चों की टोलियां घर-घर जाकर देहरियों पर फूल भी डाल रही है।

उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई आज गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में सीएम धामी ने भी सपरिवार धूमधाम से मनाया। मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति में सीएम आवास में रंग बिरंगे परिधानों में सजे बच्चों ने देहरी पर फूल और चावल बिखेरकर पारंपरिक गीत ‘फूल देई छमा देई, जतुक देला, उतुक सई, फूल देई छमा देई और देड़ी द्वार भरी भकार’ गाते हुए त्योहार की शुरुआत भी की।

इस अवसर पर सीएम ने सभी बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की। सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को फूल देई के त्योहार की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना भी की। उन्होंने कहा कि लोकपर्वों का हमारे जीवन में विशेष महत्व भी है।

 

गत वर्ष प्रदेश सरकार ने प्रदेशभर में फूलदेई को बाल पर्व के रूप में मनाने का निर्णय भी लिया था। फूलदेई पर्व वसंत के आगमन का संदेश देता है। इस दिन बच्चे हाथों में रंग बिरंगे फूलों से सजी टोकरियां लेकर चलते हैं और सुबह-सुबह हर घर की देहरी पर फूल भी डालते हैं।

आचार्य रमेश चंद्र पांडेय ने बताया कि 13 मार्च को रात 1:25 बजे से संक्रांति भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही फूलदेई पर्व का आगाज आज से हो गया। पहाड़ में फूलदेई पर्व कहीं 8 दिन तो कहीं पूरे चैत्र मास तक बच्चे सुबह-सुबह देहरियों में फूल भी डालते हैं।

फुलदेई पर कुर्मांचल सांस्कृतिक कल्याण परिषद देहरादून कौलागढ़ गढ़ी कैंट शाखा के बच्चों ने आचार्य डॉ बिपिन जोशी के घर की देहरी में फूल व अक्षत चढ़ाकर फूलदेई पर्व का शुभारंभ भी किया।